आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष ने कहा है कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस लोकसभा चुनाव के लिए दिल्ली और पंजाब में गठबंधन कर सकते हैं। 1 जनवरी को वेबसाईट सत्याहिंदी डॉट कॉम में प्रकाशित एक लेख में आशुतोष ने लिखा है कि वो केजरीवाल ही थे जिन्होंने सबसे पहले आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच संभावित गठबंधन के बारे में सोचा था।
आम आदमी पार्टी छोड़ कर फिर से पत्रकारिता में लौटने वाले आशुतोष ने लिखा है कि “ये सच है कि पार्टी में वही होता है जो केजरीवाल चाहते हैं और केजरीवाल चाहते हैं कि आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन हो। वो इसके लिए पिछले एक साल से कोशिश कर रहे हैं।” आशुतोष के अनुसार कई एनी पार्टियाँ भी हैं जो आप और कांग्रेस को करीब लाने के लिए मध्यस्थता कर रही है।
आशुतोष के अनुसार कांग्रेस भी गठबंधन चाहती है लेकिन अजय माकन नहीं चाहते थे कि कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन हो। लेकिन अब जबकि माकन पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दे चुके हैं तो संभव है कि आप और कांग्रेस का गठबंधन हो जाए।
कांग्रेस की दिल्ली इकाई ने कई बार आलाकमान तक ये बात पहुंचाई है कि दिल्ली में केजरीवाल की लोकप्रियता अब ख़त्म हो चुकी है ऐसे में उमके साथ कांग्रेस को गठबंधन नहीं करना चाहिए क्योंकि आप आदमी पार्टी का वोटर वही था जो कांग्रेस से नाराज हो कर केजरीवाल की तरफ गया था। भाजपा का वोट बैंक भाजपा के साथ था लेकिन कांग्रेस का वोट आप के पास चला गया जिस कारण कांग्रेस दिल्ली में ख़त्म हो गई और आम आदमी पार्टी को उभरने का मौका मिला गया।
दिल्ली कांग्रेस के अनुसार अब ऐसे में जब राज्य में केजरीवाल की लोकप्रियता ख़त्म हो रही है संभव है कांग्रेस का पुराना वोटर फिर उसके पास लौट आये।
आशुतोष लिखते हैं कि आप और कांग्रेस का गठबंधन सातों सीटों पर जीत दर्ज कर सकता है लेकिन अलग अलग लड़ने की स्थिति में वोटों का बिखराव होगा और भाजपा फायदा उठा लेगी।
लेकिन आम आदमी पार्टी के लिए ये इतना आसान नहीं है। कांग्रेस विरोध पर आम आदमी पार्टी का गठन किया गया था और ये पार्टी अलग तरह की राजनीति करने का वादा कर के सफलता की सीढियाँ चढ़ी थी लेकिन शुरूआती सफलता और जल्द ही देश भर में फैलने की जल्दबाजी ने केजरीवाल की छवि देश के एनी नेताओं जैसी ही बना दी। अब ऐसे में कांग्रेस के साथ जाना उसके समर्थकों को पसंद नहीं भी आ सकता है।
लेकिन केजरीवाल मौजूदा राजनितिक परिदृश्य में अपना सबसे बड़ा दुश्मन भाजपा को मानते हैं और ऐसे में वो उसे हारने के लिए किसी के भी साथ जा सकते हैं।