सूत्रों के अनुसार सरकार ने आधार अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाली संस्थाओं पर 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रस्ताव किया है, एवं यदि उल्लंघन निरंतरता से किया जाता है तो इसके अतिरिक्त उन संस्थानों पर 10 लाख तक का जुर्माना लागाया जाने का प्रस्ताव दिया है।
UIDAI को दिया जाएगा कार्यवाही करने का अधिकार :
वर्तमान में यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के पास गलत संस्थाओं के खिलाफ कार्यवाही करने की शक्ति नहीं है लेकिन सूत्रों के मुताबिक आधार में निजता की चिंताओं को लेकर संशोधन किया गया है, जिसके तहत सरकार ने यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) को अधिक शक्तियां देने का प्रस्ताव किया है।
सूत्रों के अनुसार, देश में 122 करोड़ से अधिक आधार नंबर जारी किए गए हैं, लेकिन प्राधिकरण के पास वर्तमान में गलत संस्थाओं के खिलाफ प्रवर्तन कार्रवाई करने की शक्तियां नहीं हैं। इसको देखते हुए सरकार UIDAI को विनियामक शक्तियां देने की इच्छुक है।
आधार अधिनियम के उल्लंघन पर लगाया जाएगा जुर्माना :
आधार अधिनियम के उल्लंघन के लिए जुर्माना भरने के विषय पर ड्राफ्ट के प्रावधानों का कहना है कि नागरिक दंड के लिए एक नया खंड जोड़ा जाएगा जो आधार पारिस्थितिकी तंत्र में किसी भी इकाई द्वारा अधिनियम, नियमों, विनियमों और निर्देशों के प्रावधानों का पालन करने में विफलता पर प्रत्येक उल्लंघन के लिए 1 करोड़ रुपयों तक विस्तारित हो सकता है।
इसके साथ ही यदि समय पर जुर्माना नहीं दिया गया तो हर दिन के साथ जुर्माने में 10 लाख रूपए जुड़ते चले जायेंगे।
केंद्रीय प्राधिकरण में अनधिकृत प्रवेश की बढाई सज़ा :
सरकार ने इस नए ड्राफ्ट में एक और नया नियम जोड़ा है। इसके अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति संस्था केंद्रीय पहचान डेटा रिपॉजिटरी में प्रवेश करने की कोशिश करती है या डाटा के साथ कुछ छेडछाड करने की कोशिश करती है तो अबसे 3 वर्ष के बजाय उन्हें 10 वर्ष की सजा सुनाई जायेगी।