Sat. Nov 2nd, 2024
    pm narendra modi in SCO summit

    पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि आतंकवाद का समर्थन और वित्त सहायता मुहैया करते हैं उन्हें जिम्मेदार ठहराना होगा जबकि सभी देशों को इसके खात्मे के लिए एकजुट होकर आगे आना होगा।

    उन्होंने युवाओं में भेदभाव को फैलाने से रोकने की मांग की है। उन्होंने कहा कि “आतंकवाद के खतरे से  निपटने के लिए सभी मानवीय ताकतों को एकजुट होकर आगे आना होगा। जो देश आतंकवाद को प्रोत्साहन देते हैं, समर्थन और वित्तीय सहायता मुहैया करते हैं, उन्हें इसके लिए जिम्मेदार ठहरना होगा।”

    उन्होंने किर्ग़िज़स्तान की राजधानी बिश्केक में शंघाई सहयोग संघठन की सत्र को सम्बोधित किया था। नरेंद्र मोदी ने कहा कि “साहित्य और संस्कृति हमारे समाजों को सकारात्मक जुड़ाव मुहैया करते हैं और युवाओं में भेदभाव के बीजो को पनपने से रोकते हैं। श्रीलंका की यात्रा के दौरान मैंने सेंट अन्थोनी चर्चा का दौरा किया था, जहां मैं आतंकवाद के घिनौने चेहरे का गवाह बना था जिसने मासूमों की जान ली थी।”

    नरेंद्र मोदी का भाषण कई मसलो पर आधारित था। इसमें विशेषकर अफगान शान्ति प्रक्रिया, बीते दो वर्षों में एससीओ की गतिविधियों में भारत के सकारात्मक योगदान के बाबत था। उन्होंने कहा कि “भारत दो वर्षों से एससीओ का स्थायी सदस्य है। हमने संघठन की सभी गतिविधियों में सक्रियता से योगदान दिया है। अंतरराष्ट्रीय मंच पर एससीओ की भूमिका सुर विश्वसनीयता को बढ़ाने के लिए हम कार्य करना जारी रखेंगे।”

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिश्केक में आयोजित दो दिनों की बैठक में शामिल हुए थे। इस सम्मेलन के इतर पीएम मोदी ने कई वैश्विक नेताओं से मुलाकात की थी। इसमें चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, अफगानी राष्ट्रपति अशरफ गनी और ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी है।

    दूसरी दफा पीएम पद के लिए चुने जाने के बाद यह बहुपक्षीय मंच पर नरेंद्र मोदी की पहली मुलाकात है। नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग इस वर्ष के अंत में भारत के अनौपचारिक बैठक करेंगे जो बीते वर्ष चीन के वुहान शहर में हुई थी।  इस माह के अंत में जापान में आयोजित जी 20 के समारोह के इतर भारत, रूस और चीन त्रिपक्षीय मुलाकात का आयोजन करेंगे।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *