भारत के सरकारी अधिकारी ने कहा कि “पाकिस्तान अगर वाकई आतंक के खिलाफ गंभीरता से कार्रवाई कर रहा है तो उसे कम से कम दाऊद इब्राहिम और सईद सलाहुदीन और अन्य आतंकियों को भारत के सुपुर्द कर देना चाहिए, जो भारतीय नागरिक है लेकिन पाक सरजमीं पर मौज़ मना रहे हैं।”
टाइम्स ऑफ़ इंडिया के मुताबिक उन्होंने कहा कि “पुलवामा आतंकी हमले के बाद भी पाकिस्तान जैश ए मोहम्मद और अन्य आतंकी समूहों के खिलाफ विश्वसनीय कार्रवाई करने में असफल साबित हुआ है। अगर पाकिस्तान एक सन्देश देना चाहता है कि वह आतंकवाद को लेकर भारत की वाजिब चिंताओं पर गंभीर है, तो भारत की नागरिकता पर पाकिस्तान में बसे आतंकियों को हमें सौंप देना चाहिए।”
भारत ने पाकिस्तान से भारत में वांटेड सूची में शामिल और आतंकी हमलों में संलिप्त आतंकियों को लौटाने के लिए कहा है। सूत्रों के मुताबिक भारत ने कई सबूत साझा किये है कि कई आतंकी समूह पाकिस्तानी सरजमीं से संचालित करते हैं। पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक आक्रमकता दिखाई है और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उसे अलग थलग किया है।
भारत ने पाकिस्तान पर उसकी सरजमीं पर सक्रीय आतंकी समूहों के खिलाफ ठोस और निरीक्षित कार्रवाई करने के लिए दबाव बनाया है।
पुलवामा आतंकी हमला एक आत्मघाती हमलावर द्वारा किया गया था, जिसने विस्फोटक से भरी कार को सीआरपीएफ की बस में टक्कर मार दी थी। काफिले में 70 से अधिक वाहन और 2,500 से अधिक कर्मी थे। हमला तीस साल में सबसे बड़ा हमला है। जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी समूह ने इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है।
भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के क्षेत्रों में 1,000 किलोग्राम बम गिराए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वायुसेना ने ऑपरेशन में 12 मिराज 2000 फाइटर जेट्स का इस्तेमाल किया, जिन्होंने सुबह करीब 3:30 बजे बालाकोट, मुजफ्फराबाद, चकोठी जैसे इलाकों पर बमबारी की। इस हमले ने एलओसी के पार तीन अल्फा कंट्रोल रूम और कई आतंकवादी लॉचपैड्स को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया था।