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    नितिन गडकरी

    केंद्रीय जल संसाधन मंत्री निति गडकरी ने सोमवार को दोहराया कि पाकिस्तान सिंधु जल संधि के तहत पानी की कमी से जूझेगा, अगर आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल हो जायेगा। सड़क परियोजना की नींव रखने के बाद नितिन गडकरी फगवाड़ा में रैली को सम्बोधित कर रहे थे।

    उन्होंने कहा कि यदि पाकिस्तान इस संधि के भाव को बरकरार नहीं रख सकता है तो इस संधि का सम्मान करने का कोई तुक नहीं बनता है। उन्होंने कहा कि “मैं निश्चित रूप से पाकिस्तान को बता देना चाहता हूँ कि अगर यह पानी पाकिस्तान में जाता है तो इसका आधार सौहार्द, पारिवारिक सम्बन्ध था, अगर यह सम्बन्ध आपको रखना ही नहीं है, तो उस करार का कोई मतलब नहीं होगा, न आपको पानी देने का मतलब होगा।”

    उन्होंने कहा कि “तो इसलिए आतंकवादियों का समर्थन करना बंद करो,उन्हें भेजना बंद करो, नहीं तो पानी के लिए आपको तपड़ना पड़ेगा, यह जरूर याद रखना। यह जब करार हुआ था तो अयूब जी (तत्कालीन पाक राष्ट्रपति) और नेहरू जी (तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री) ने जो 1960 में हस्ताक्षर किये थे, उसमे लिखा था कि हम यह पानी इसलिए दे रहे हैं कि हमारे प्रेम सम्बन्ध बने, सौहार्द बने, पारिवारिक सम्बन्ध बने। पर  हमारे सौहार्द के सम्बन्ध बजाये हमें बम गोले मिल रहे हैं।”

    नितिन गडकरी कहा कि “हमारे जवानो की हत्याएं हो रही है। अगर ऐसा ही चलता रहेगा तो हमारे संयम की भी मर्यादा होगी।” उन्होंने कहा कि एक लाख करोड़ की इस परियोजना पर पंजाब में कार्य जारी है। साथ ही 60000 करोड़ के सड़क प्रोजेक्ट और 40000 करोड़ के सिंचाई प्रोजेक्ट पर भी कार्य जारी है।

    हाल ही में  नितिन गडकरी ने ट्वीट कर कहा कि “सम्मानीय नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने पाकिस्तान की तरफ जा रही नदियों का मार्ग मोड़कर जम्मू-कश्मीर और पंजाब की तरफ करने का निर्णय लिया है।” नितिन गडकरी ने कहा कि “रावी नदी के शाहपुर कांदी पर बाँध के निर्माण का कार्य शुरू हो चुका है। यह प्रोजेक्ट हमारे हिस्से के जल को संरक्षित करेगा और जम्मू-कश्मीर उसे इस्तेमाल करेगा और संतुलित मात्रा में जल सेकंड रावी बीस लिंक में जायेगा।”

    भारत और पाकिस्तान के बीच जल एक बेहद विवादित मुद्दा है। नई दिल्ली के साथ बातचीत में इस्लामाबाद हमेशा अन्यायपूर्ण जल बंटवारे का मुद्दा उठाता है। भारत के मुताबिक वह 1960 की संधि के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं का निर्वाह बेहद ईमानदारी से करता है लेकिन इस्लामाबाद इसका विरोध करता है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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