अमेरिका से नए साल पर करारा झटका मिलने के बाद पाकिस्तान अब मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड व आतंकी हाफिज सईद के ऊपर लगाम कस रहा है। दरअसल पाकिस्तानी सरकार ने आतंकी हाफिज सईद से जुड़े चैरिटी संगठनों व वित्तीय संपतियों को बैन करने की तैयारी की है।
पाकिस्तान सरकार ने 19 दिसंबर को विभिन्न प्रांतीय और संघीय सरकारी विभागों को एक गुप्त आदेश दिया था। इसमें पाकिस्तान के पांच प्रांतों से 28 दिसंबर तक हाफिज सईद के चैरिटी संगठन जमात-उद-दावा व फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन की वित्त संबंधी जानकारियां मांगी गई थी और संपतियों के कब्जे की कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया था।
जिसके बाद अब पाकिस्तान के प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग ने हाफिज सईद के जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन पर पाबंदी लगाने की पूरी तैयारी की है। तीन अधिकारियों ने इस संबंध में एक उच्चस्तरीय बैठक में भाग लिया था।
अब हाफिज सईद अपने चैरिटी संगठनों के नाम पर चंदा नहीं ले पाएगा। गौरतलब है कि हाफिज चंदे के नाम पर लिए गए वित्त का प्रयोग आतंकी गतिविधियों को पूरा करने में करता है। इतना ही नहीं इन चंदो से वो पाकिस्तान के आम चुनावों की तैयारी भी कर रहा है।
इसलिए ही पाकिस्तान अब इसके संगठनों पर नकेल कसने की तैयारी में है। एक अनुमान के मुताबिक हाफिज सईद के पास करोडों की संपतियां इन संगठनों से प्राप्त की गई है।
अमेरिका के दबाव में नहीं कर रहा पाक कार्रवाई – पाक गृहमंत्री
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) मुद्दों के दस्तावेजों के मुताबिक हाफिज के दो चैरिटी संगठनों पर चंदा लेने पर प्रतिबंध की तैयारी की गई है। मनी लॉन्ड्रिंग व आंतकी फंडिंग को रोकने के लिए ये संस्था काम करती है।
पाकिस्तान के गृह मंत्री अहसान इकबाल ने भी इससे संबंधित एक बैठक की सह अध्यक्षता की थी। जिसमें पाकिस्तान के सभी निषिद्ध संगठनों के वित्त लेने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान अमेरिका के दबाव के तहत कार्रवाई नहीं कर रहा है।
अहसान इकबाल के मुताबिक हम किसी को भी प्रसन्न नहीं कर रहे है, हम अपने लोगों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए हमारे दायित्वों को पूरा करने के लिए एक जिम्मेदार देश के रूप में काम कर रहे है।