पाकिस्तान की सरकार द्वारा आतंकियों और आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश देने के बाद इस्लामाबाद ने कहा कि यह निर्णय किसी के दबाव में आकर नहीं लिया है। मीडिया से मुखातिब होते हुए सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने कहा कि “नेशनल एक्शन प्लान को अमल में लाने का निर्णय दिसंबर 2014 में ले लिया गया था।”
पाक का नेशनल एक्शन प्लान
उन्होंने कहा कि “सभी सियासी दल नेशनल एक्शन प्लान पर रजामंद है। यह कार्रवाई किसी के दबाव में आकर नहीं की जा रही है। इसकी योजना साल 2014 में ही बना ली गयी थी, तब न एफएटीएफ थी और न पुलवामा आतंकी हमला हुआ था।”
उन्होंने कहा कि “लश्कर ए तैयबा के जुड़े जमात उद दावा और उससे जुड़े फलाह ए इंसानियत संगठन को प्रतिबंधित करने का निर्णय जनवरी में लिया गया था।” पाकिस्तान ने आतंकियों के खिलाफ यूएन के क़ानून के तहत कार्रवाई करना शुरू कर दिया था।
दबाव में आकर निर्णय
पुलवामा में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी जैश ए मोहम्मद द्वारा के कारण पाक वैश्विक स्तर पर आलोचनाओं को झेल रहा है। वैश्विक दबाव में आकर ही पाक अपनी सरजमीं से संचालित आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है।पाकिस्तान की सरकार ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् द्वारा प्रतिबंधित आतंकियों या आतंकी समूहों पर प्रतिबंधों को अमल में लाने के लिए आदेश जारी किये हैं।
मंत्रालय ने सभी सरकारी विभागों को प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ कार्रवाई में तेज़ी लाने को कह दिया है। सूचना मंत्री ने डॉन न्यूज़ चैनल से रविवार को कहा कि “पाकिस्तान ने सभी चरमपंथी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने का दृढ निर्णय लिया है और यह नेशनल एक्शन प्लान के तहत होगा।” एनएपी को अंतिम रूप साल 2014 में तालिबान द्वारा पेशावर के आर्मी स्कूल में हमले के बाद दिया गया था, इसमें 150 से अधिक लोगों ली मृत्यु हुई थी।