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    सुषमा मोदी यमन

    शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मलेन में भारत की तरफ से प्रतिनिधित्व करते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि आतंकवाद का किसी धर्म या जाति के साथ कोई संबंध नहीं होता।

    सुषमा ने कहा कि आतंकवाद को खत्म करने के लिए सदस्य देशों के बीच में खुफिया जानकारी तंत्र बेहद मजबूत होना चाहिए। विदेश मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि एससीओ फ्रेमवर्क के भीतर सहयोग को लगातार मजबूत करने और व्यापक, सहकारी और टिकाऊ सुरक्षा प्राप्त करने के लिए मिलकर काम करना बेहद जरूरी है।

    मानवता के खिलाफ अपराध है आतंकवाद

    शिखर सम्मलेन में विदेश मंत्री ने कहा कि आतंकवाद मानवता के लिए खतरा है। आतंकवाद को किसी धर्म, जाति, राष्ट्रीयता या सभ्यता के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए।

    उन्होंने कहा कि भारत सभी सदस्य देशों से खुफिया तंत्रों के साझाकरण व कानूनी प्रवर्तन की मांग करता है। साथ ही आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए आपसी कानूनी सहायता व प्रत्यर्पण व्यवस्था में सहयोग बढ़ाने के लिए भी आग्रह करता है।

    सुषमा स्वराज ने कहा कि एससीओ देशों के साथ संपर्क स्थापित करना भारत की प्राथमिकता है। स्वराज के मुताबिक हम अपने समाज के बीच सहयोग और विश्वास के मार्ग को जोड़ने के लिए संपर्क बढ़ाना चाहते है। इसके लिए संप्रभुता, पारदर्शिता व स्थिरता जरूरी है।

    आगे कहा कि इसके अलावा अफगानिस्तान के आर्थिक विकास में मध्य एशियाई देशों की बड़ी भागीदारी को विशेष रूप से बढ़ाया जाएगा। व्यापार, निवेश और कनेक्टिविटी के जरिए क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को मजबूत करने का प्रयास किया जाएगा।

    पाकिस्तान को स्थायी सदस्यता पर दी बधाई

    शंघाई सहयोग संगठन में पाकिस्तान को स्थाई सदस्यता मिलने पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बधाई दी है। पाकिस्तान की तरफ से एससीओ शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी ने शिरकत की। पाकिस्तान को केंद्रीय एशिया समूह के नए सदस्यों को शामिल किया है।