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    आतंकवाद अमेरिका पाकिस्तान

    ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी और स्टेटरजिक फ़ॉरसाइट ग्रुप ने एक रिपोर्ट जारी कर बताया कि सीरिया नही बल्कि पाकिस्तान आतंक का केंद्र बना हुआ है। पाकिस्तान में मानवता पर खतरा मंडरा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान विश्व के सबसे अधिक आतंकियों के ठिकाने की सूची में बरकरार हैं।

    अध्ययन के मुताबिक पाकिस्तान में आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा और अफगान तालिबान के ठिकाने मौजूद है जो अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हानिकारक है। पाकिस्तान वैश्विक आतंकवाद का सदियों से प्रजनन करता रहा है और वहां आतंकवाद को मानवता से सीरिया के मुकाबले तीन गुना अधिक खतरा है।

    रिपोर्ट के अनुसार अगर सबसे खतरनाक आतंकवादी समूहों पा निगाह डाली जाए तो पाकिस्तान में सबसे अधिक आतंकवाद है और वही आतंकी समूहों को मदद भी करता है। साथ ही पाकिस्तान की सरजमीं पर अफगान के आतंकी समूहों का भी ठिकाना है जो पाकिस्तान की मदद से आतंकवाद को संचालित करते हैं।

    स्टेटरजिक फ़ॉरसाइट समूह ने 21 वी शताब्दी के 200 आतंकी समूहों पर अध्ययन किया था। इन समूहों में इस्लामिक संगठन ने पिछले पांच सालों में अखबारों की सुर्खियां बटोरी हैं। इन पांच सालों में उतार और चढ़ाव के बीच पाकिस्तान के अल कायदा आतंकी समूह काफी हमलों को अंजाम दिया है।

    साल 2011 तक ओसामा बिन लादेन ने अल कायदा आतंकी समूह का नेतृत्व किया था लेकिन उसकी मौत के बाद उसके बेटे हमजा बिन लादेन ने अल कायदा की कमान संभाली थी। मीडिया में हमज़ा लादेन को अलकायदा का क्राउन प्रिंस कहते हैं।

    आतंकी समूहों को भविष्य के लिए फिक्रमंद न होने की वजह पाकिस्तान के खुफिया विभाग, राज्य और आपराधिक नेटवर्कों का उन्हें समर्थन प्राप्त है। रिपोर्ट में बताया गया कि अल कायदा का जन्म पाकिस्तान में हुआ था और अब पाकिस्तान अफगानिस्तान को प्रभावित कर रहा है। पाकिस्तान के अब्बोत्तावबाद इलाके के सैन्य शिविर में आतंकी ओसामा बिन लादेन को सुरक्षा मिल रखी थी।

    इस रिपोर्ट में सीरिया, लीबिया, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में वैश्विक आतंक के बाबत काफी जानकारी दे रखी है। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा, पीओके, बलूचिस्तान और सिंध में आतंकी समूहों के ठिकाने हैं। इन आतंकवादी समूहों को हमले को अंजाम देने के लिए वहां का कानून विभाग मदद करता है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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