भारत और पाकिस्तान के मध्य आतंकवाद को लेकर तनी हुई है। केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के साथ बातचीत की बहाली के लिए आतंकवाद का अंत ही शर्त है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का दोगला चरित्र भारत को स्वीकृत नहीं है। पत्रकार के भारत क्यों बातचीत प्रक्रिया को नकार रहा है इसके बाबत राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकी गतिविधियों का प्रचार और शांति के लिए बातचीत का माहौल एक साथ नहीं हो सकता है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को आतंवादियों को मदद देना रोकना होगा और आतंकवाद के खिलाफ अपनी प्रतिबद्धता का निर्वाह करना होगा और साथ सुनिश्चित करना होगा कि वह दोबारा अपनी सरजमीं पर आतंकवाद को पनाह नहीं देगा। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान को आतंकी गतिविधियों को नियंत्रण करने में तकलीफ हो रही है तो अपने पड़ोसी देश से मदद की गुहार क्यों नहीं लगाता है।
उन्होंने कहा कि जब अफगानिस्तान में अमेरिका की मदद से तालिबान के साथ बातचीत की जा सकती है, तो पाकिस्तान ऐसा कदम क्यों नहीं उठा सकता है।
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम, राजस्थान और तेलांगना में चुनाव परिणामों पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ‘प्रयास तो भारतीय जनता परत्य का यही है कि हमें कामयाबी मिले, मिलनी भी चाहिए यह विशवास है, परिणाम की प्रतीक्षा कीजिये’।
उन्होंने इन चुनावों को साल 2019 के चुनावों का सेमी फाइनल मानने से इनकार कर दिया और कहा कि फाइनल, फाइनल ही होता है। बुलंदशहर में पुलिस अधिकारी की हत्या में सेना के जवान के शामिल होने की बात पर उन्होंने टिप्पणी से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा कि यह राज्य का मुद्दा है और योगी आदित्यनाथ इस पर नज़र बनाये हुए हैं।
राम मंदिर मुद्दे पर राजनाथ सिंह ने कहा कि सभी अयोध्या में एक प्रभावशाली मंदिर का निर्माण चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान राम ने मूल्यों को अपनाया था इसलिए उन्हें पूजा जाता है जबकि रावण प्रभु के एक इंच पंहुच पाने में वीफल रहा, उन्होंने मूल्यों की अवहेलना की जबकि उनके समक्ष ज्ञान, पूँजी और ताकत अधिक थी।