वाइट हाउस द्वारा जारी बयान में बताया कि ट्रम्प प्रशासन और पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के मध्य हुई हालिया वार्ता के दौरान अमेरिका ने पाकिस्तान पर आतंकवादियों के खिलाफ प्रभावी अभियान चलाने की बात कही है। साथ ही अमेरिकी नेताओं ने वांशिगटन द्वारा रोक दी गई सैन्य सहायता राशि के बाबत भी बातचीत की।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने 2 अक्टूबर को अमेरिकी सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन और राज्य सचिव माइक पोम्पेओ से मुलाकात की थी। जॉन बोल्टन ने बताया कि यह मुलाकात फलदायी रही है।
जॉन बोल्टन ने पत्रकारों को बताया कि उन्होंने पाकिस्तान के सैन्य सहायता रोकने और आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के बाबत महमूद कुरैशी के साथ विचार-विमर्श किया है। उन्होंने कहा अंततः यह बैठक सार्थक सिद्ध हुई है।
उन्होंने कहा पाकिस्तान के मंत्री ने कई गंभीर मुद्दों और समस्यायों से हमें अवगत कराया। उन्होंने कहा कि नई सरकार नए अध्याय का आरम्भ करेगी और आगे बढ़ने का भरसक प्रयास करेगी।
जॉन बोल्टन ने कहा उन्होंने अनुमान है कि पाकिस्तानी विदेश मंत्री को भी यह बैठक सफल होती दिख रही होगी। उन्होंने कहा दोनों राष्ट्र विचार विमर्श करना जारी रखेंगे। इन आगामी वार्ताओं के जरिए हम किस नतीजे पर पहुंचेगे यह देखना अभी बाकी है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को पनाह देने आरोप लगाया था साथ ही उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान आतंकियों पर नकेल कसने में असमर्थ रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 300 मिलियन डॉलर की सैन्य सहायता राशि पर रोक लगा दी थी।
डोनाल्ड ट्रम्प ने आरोप लगाया था कि अमेरिका ने पाकिस्तान की सदैव मदद की है और बदले में पाकिस्तान ने अम्रेरिका को झूठ और धोखा दिया है।
अमेरिका के इस कदम से पाकिस्तान की आर्थिक सेहत कमजोर पड़ गई थी। साथ ही अमेरिका ने चेतावनी देकर पाकिस्तान के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के दरवाजे भी बंद करवा दिए थे। पाकिस्तान की सरकार कर्ज के फैले रायते को समेटने के लिए अन्य राष्ट्रों से वार्ता पर जोर दे रही है।