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    पाकिस्तान-अमेरिका

    आतंकी गतिविधियों का साथ देने पर अब अमेरिका ने पाकिस्तान पर कड़ा रूख अपनाया है। साल 2002 से अमेरिका ने पाकिस्तान को आतंकवाद से लडने के लिए करीब 33 अरब डॉलर की सहायता की है।

    पहले पाकिस्तान ने कहा था कि वह 255 मिलियन डॉलर (16 अरब रूपये अथवा 25 करोड़ डॉलर) का निवेश तब तक पाकिस्तान को नहीं देगा जब तक वो आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता है। लेकिन अब अमेरिका पाकिस्तान को 255 मिलियन डॉलर की मदद को रोकने पर विचार कर रहा है।

    न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट की माने तो ट्रम्प प्रशासन पाकिस्तान को दी जाने वाली वित्तीय सहायता पर दोबारा विचार कर रहा है।

    अमेरिका पहले भी कई बार कह चुका है कि पाकिस्तान उसकी आर्थिक सहायता का दुरुपयोग करके आतंकियों को सुरक्षित आश्रय उपलब्ध करवा रहा है। आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की कार्रवाई से ट्रम्प ने असंतोष जताया है।

    रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी अधिकारियों द्वारा आने वाले हफ्तों में पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक सहायता पर अंतिम फैसला किया जा सकता है। डोनाल्ड ट्रम्प ने घोषणा की है कि पाकिस्तान अराजकता, हिंसा और आतंक के एजेंटो को सुरक्षित स्थान उपलब्ध करवा रहा है।

    अमेरिका, पाक को दे चुका है कई बार कड़ी चेतावनी

    अफगानिस्तान में अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा था कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं कर रहा है। अगर जरूरत पड़ेगी तो अमेरिका पाक के बिना ही अकेले लड़ाई कर सकता है।

    वहीं गुरूवार को पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा था कि हमारी जमीन पर किसी भी देश को एकतरफा कार्रवाई नहीं करने दिया जाएगा। अमेरिका ने कहा था कि वो पाकिस्तान को नोटिस पर रख रहे है।

    इससे पहले अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में भी पाकिस्तान को आतंकवाद का सहयोगी देश बताया था। अब जनवरी महीने में पाकिस्तान को आर्थिक मदद देने या न देने का फैसला लिया जा सकता है। संभावना है कि मौजूदा हालातों में पाकिस्तान को आर्थिक मदद रोकी जा सकती है।