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    tajmahal

    दुनिया का सातवा अजूबा ताज महल की ख़ूबसूरती से हर कोई वाकिफ है। ये पूरे देश की शान है और आगरा निवासी बड़े गर्व के साथ इसे सबको दिखाकर इतराते हैं। और शायद इसलिए अब, वहाँ के कार्यकर्ताओं ने इस महान ताज महल की प्रतिकृति बनाने का फैसला किया है। और सबसे दिलचस्प बात ये हैं कि ये प्रतिकृति, उत्तर प्रदेश के शहर के यमुना नदी के पास बसे एक पार्क में, प्लास्टिक और पॉलिथीन कचरे से बनाई जाएगी।

    इस प्रस्तावित ताज महल को प्लास्टिक बोतल से बनी ईटों से बनाया जाएगा। ये ईटें उन प्लास्टिक बोतल से बनी हैं जिसमे पॉलिथीन बैग भर कर उन्हें बंद कर दिया गया है।

    एनजीओ अनफोल्ड फाउंडेशन और रिवर कनेक्ट कैंपेन के सदस्यों द्वारा बनने वाला ये ताज महल, छह महीनों में बनकर तैयार हो जाएगा।

    अनफोल्ड फाउंडेशन की कोऑर्डिनेटर डॉक्टर मीता कुलश्रेष्ठ ने IANS को बताया-“बोतल काफी मजबूत बन गयी हैं और ये 500 साल तक टिके रह सकती हैं।”

    कार्यक्रम के संयोजक हरविजय बहिया ने कहा-“अगर एक इन्सान हमें कचरे से भरी एक बोतल दे देगा, तो हमारे पास एक साल में किसी भी मजबूत संरचना को बनाने के लिए ऐसे 20 लाख पर्यावरण की ईटें मिल जाएंगी।”

    रिवर कनेक्ट कैंपेन के चतुर्भुज तिवारी ने कहा-“जब हम हर हफ्ते, यमुना नदी के एक पैच को सांफ करते हैं तो काफी मात्रा में पॉलिथीन और प्लास्टिक मिलता है। अगर हम इन्हें प्लास्टिक बोतल या जार में भर दें तो हम ना केवल एक बड़ी शहरी समस्या का समाधान कर पाएँगे बल्कि जनता द्वारा इस्तेमाल होने वाला एक संरचना के लिए सामग्री भी मिल जाएगी। इनसे बेंच और स्टूल भी बन सकते हैं।”

    प्लास्टिक से बना ताज महल, आगरा के एत्माउद्दौला पार्क में देखा जा पाएगा। हर दिन, आगरा ढेर कचरा बनाता है जिसमे ज्यादातर प्लास्टिक और पॉलिथीन कचरा ही होता है।

    सामाजिक कार्यकर्त्ता श्रवण कुमार सिंह ने कहा-“यदि प्रत्येक घर में इस्तेमाल की जाने वाली पॉलिथीन की थैलियों और कटी हुई प्लास्टिक के साथ बोतलें भरना शुरू हो जाए, तो हम आसानी से नदियों और जल निकायों के प्रदूषण को रोक सकते हैं और नालियों और सीवर लाइनों को चोक करने से भी बच सकते हैं।”

    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

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