म्यांमार दौरे के दौरान पोप फ्रांसिस ने देश के सबसे प्रतिष्ठित व प्रमुख बौद्ध धर्म के नेता सितागु सायादव के साथ मुलाकात की। ईसाईयों के सर्वोच्च नेता पोप फ्रांसिस व म्यांमार में बौद्ध धर्म के सर्वोच्च नेता का दर्जा प्राप्त सितागु सायादव के आपस में मिलने की उम्मीद बेहद कम थी।
लोगों को उम्मीद थी कि ये दोनों नहीं मिलेंगे। सितागु पोप फ्रांसिस से पहले पूर्ववर्ती पोप बेनेडिक्ट XVI से भी मिले थे। पोप फ्रांसिस ने उस बौद्ध नेता के साथ मुलाकात की है जिसने रोहिंग्या मुसलमानों पर हो अत्याचारों को जायज ठहराते हुए मुस्लिमों की आलोचना की थी।
वेटिकन सिटी के प्रवक्ता ग्रेग बुर्के ने मंगलवार को कहा कि पोप फ्रांसिस ने प्रमुख बौद्ध नेता सितागु के साथ यांगून में कैथोलिक आर्चबिशप के स्थान पर मुलाकात की।
इसके अलावा विभिन्न धार्मिक नेताओं के साथ भी मुलाकात की। ग्रेग ने कहा कि पोप ने इस दौरान शांति व भाईचारे को प्रोत्साहन करने को कहा।
पोप ने दिया विविधता में एकता का संदेश
वेटिकन सिटी का कहना है कि पोप फ्रांसिस ने म्यांमार में बौद्ध, हिंदू, मुस्लिम, ईसाई और यहूदी नेताओं के साथ करीब 40 मिनट तक मुलाकात की। इस दौरान पोप ने विविधता में एकता का संदेश दिया।
वेटिकन के ग्रेग ने बताया कि मुलाकात के दौरान पोप ने स्थानीय धार्मिक नेताओं से देश के पुनर्निर्माण के लिए साथ मिलकर काम करने की अपील की। गौरतलब है कि पोप का प्रमुख रूप से बौद्ध नेता सितागु के साथ मिलना काफी लोगों के गले नहीं उतरा है।
दरअसल सितागु ने रोहिंग्या को लेकर काफी निंदनीय टिप्पणी की थी जिसके बाद उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। म्यांमार में मुख्य रूप से अल्पसंख्यक मुस्लिम, हिंदू और ईसाई धर्म आते है।
इस साल सितागु को म्यांमार देश की नेता आंग सान सू की के द्वारा देश और राज्य के महान सम्मानित, उत्कृष्ट और महान शिक्षक से सम्मानित किया था।