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    एमएस धोनी

    अपने रूख पर कायम रहते हुए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने शुक्रवार को भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया, जिसमें बीसीसीआई ने मांग की थी की विकेटकीपर एमएस धोनी को सेना के चिह्न वाले दस्ताने के साथ आईसीसी टूर्नामेंट में खेलने दिया जाए।

    रविवार को भारतीय टीम को ट्रेंट ब्रिज में गत चैंपियंस ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक हाई-प्रोफाइल मैच में भिड़ना है, ध्यान इस पर केंद्रित रहेगा क्या विश्व निकाय 2011 विश्वकप विजेता कप्तान को बलिदान बैज पहनकर खेलने की अनुमित देता है।

    आईसीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका पर 5 जून की जीत के दौरान धोनी को अब इस चिह्न को हटाने की जरुरत है। लेकिन बीसीसीआई ने धोनी का समर्थन किया और अनुमति के लिए विश्व निकाय से अनुरोध किया। हालांकि, इसे अस्वीकार कर दिया गया है।

    आईसीसी ने बयान में कहा, “आईसीसी ने बीसीसआई को जवाब दिया है कि पिछले मैच में एम धोनी द्वारा प्रदर्शित लोगो की पुष्टि करने के लिए आईसीसी मेंस क्रिकेट विश्व कप 2019 में उनके विकेट कीपिंग दस्ताने पहनने की अनुमति नहीं है।”

    आईसीसी ने बीसीसीआई से कहा है कि उसके टूर्नामेंट के नियम किसी भी तरह के निजी संदेश का प्रचार प्रसार करने की इजाजत नहीं देते और यह लोगो दस्तानों पर होना इस नियम का उल्लंघन है।

    आईसीसी नियम कहता है, “खिलाड़ी और टीम के अधिकारियों को जब तक खिलाड़ी या टीम के अधिकारी बोर्ड और आईसीसी क्रिकेट दोनों द्वारा अनुमोदित नहीं किया जाता है, तब तक उन्हें कपड़े या उपकरण (व्यक्तिगत संदेश) से चिपकाए गए या अन्य वस्तुओं के माध्यम से संदेश भेजने, प्रदर्शित करने या अन्यथा संदेश भेजने की अनुमति नहीं होगी।”

    यह पता चला है कि प्रशासकों की समिति द्वारा शासित बीसीसीआई इस मामले को आगे बढ़ाने के लिए तैयार नहीं है। सीओए के प्रमुख विनोद राय ने इससे पहले शुक्रवार को आईसीसी के साथ किसी भी तरह के टकराव से इनकार किया था। मुंबई में सीओए की बैठक में भाग लेने के बाद उन्होंने कहा, “हम आईसीसी के मानदंडों का पालन करेंगे।”

    धोनी को सेना के प्रति अपना प्यार दिखाने के लिए देश में हर जगह से समर्थन मिला है। और कई पूर्व क्रिकेटरो ने कहा है कि यह धोनी का सेना के प्रति प्यार है ना की कोई राजनीति।

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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