वैसे तो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उन्नीसवीं शताब्दी के मध्यकाल से सक्रिय अफ़ग़ानिस्तान को क्रिकेट में अपनी पहचान बनाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी, एमजीआर देर से ही सही आज अपने युवा खिलाड़ियों के बेहतरीन प्रदर्शन के बल पर अफ़ग़ानिस्तान विश्वपटल पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराने में कामयाब हो गया है। अफ़ग़ानिस्तान की तरफ से खेलने वाले उन्नीस वर्षीय गेंदबाज़ राशिद खान आज कल अपने देश के अलावा भारत में भी काफी चर्चित नाम हैं, और ऐसा इसीलिए है क्योंकि हाल ही में हुए आईपीएल ऑक्शन में सनराइज़र्स हैदराबाद ने उन्हें नौ करोड़ की भारी रकम दे कर राइट टू मैच के तहत रिटेन करा है।
सनराइज़र्स हैदराबाद का राशिद पर खेला गया यह दाव सफलता की सांस भरते हुए दिख रहा है क्योंकि उनकी दमदार गेंदबाज़ी की बदौलत अफ़ग़ानिस्तान ने ज़िम्बाब्वे जैसी मज़बूत टीम को एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय श्रंखला में 4-1 से हरा दिया। राशिद के नाम पांच मैचों में 16 विकेट हैं, और इस सीरीज में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 24 रन दे कर 5 विकेट था। उनके इस शानदार ढंग से गेंदबाज़ी करने का इनाम उन्हें आईसीसी गेंदबाज़ी रैंकिंग में नंबर एक स्थान के रूप में मिला है। वह अफ़ग़ानिस्तान की तरफ से ऐसा करने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बन चुके हैं।
राशिद खान के साथ ही एक और नाम भी अफ़ग़ानिस्तान को आने वाले भविष्य में शायद कामयाबी की उन बुलंदियों तक पहुंचने पर मदद कर सके जिसके सपने उसने सपने में भी नहीं देखे होंगे, उस खिलाड़ी का नाम है मुजीब। सोलह वर्षीय यह गेंदबाज़ भी सीरीज में कुछ ही विकेट उन से पीछे था। मुजीब ने कुल मिला कर 12 विकेट लिए, और उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 50 रन दे कर 5 विकेट था। आशा करते हैं कि मुजीब और राशिद की जोड़ी ठीक कुलदीप और युजवेंद्र की जोड़ी की तरह ही अफ़ग़ानिस्तान की टीम को और ऊपर उठाएगी।