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    आईसीजे भारत

    भारत के दलवीर भंडारी आखिरकार कड़ी मेहनत के बाद दोबारा अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) के जज के रूप में निर्वाचित हुए है। ब्रिटेन के उम्मीदवार क्रिस्टोफर ग्रीनवुड ने खुद को चुनाव की दौड़ से बाहर कर लिया। जिसका फायदा दलवीर भंडारी को मिला और उन्होंने आसान जीत हासिल की।

    भंडारी की इस जीत के बाद वरिष्ट नेताओं ने उन्हें बधाई दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उनकी इस जीत का श्रेय सुषमा स्वराज को दिया। मोदी ने लिखा कि इस जीत के लिए सुषमा स्वराज की मेहनत जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि इससे विश्व स्तर पर भारत का कद ऊँचा हुआ है।

    इसके बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी ट्वीट करके इसकी जानकारी दी।

    भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इस जीत के लिए नरेन्द्र मोदी को उत्तरदायी बताया।

    इससे कुछ दिनों पहले ही दलवीर भंडारी व क्रिस्टोफर ग्रीनवुड के बीच आईसीजे जज के लिए चुनाव हुए थे लेकिन स्पष्ट बहुमत नहीं मिल पाने की वजह से चुनाव बेनतीजा रहे। अब दोबारा कराए गए चुनाव में भारत के दलवीर भंडारी ने जीत हासिल की।

    दलवीर भंडारी की इस जीत से एक ओर जहाँ पहली बार आईसीजे में कोई अंग्रेज जज नहीं हैं, वहीँ भारत के लिए यह एक बड़ी जीत है। कूटनीतिक तौर से यदि देखा जाए, तो भंडारी की जीत से वैश्विक स्तर पर कई मुद्दों पर भारत की पकड़ मजबूत हो सकती है।

    दलवीर भंडारी की जीत से भारत को होने वाले फायदेः

    • भारतीय मूल के दलवीर भंडारी का अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में बतौर जज चुना जाना भारत की दुनिया में बढ़ती महत्ता को दर्शाता है।
    • भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बार फिर खुद की पहचान स्थापित करते हुए खुद की मेहनत पूरी दुनिया को दिखाई है।
    • दलवीर भंडारी की जीत के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सहित कई दिग्गजों ने अन्य देशों का समर्थन हासिल करने के लिए काफी मेहनत की।
    • भारत के लिए यह चुनाव उसे संयुक्त राष्ट्र जैसी वैश्विक संस्था में मिल रहे समर्थन को साबित करने के लिए काफी अहम है।
    • दलवीर भंडारी का जीतना पाकिस्तान की जेल में बंद कूलभूषण जाधव मामले में भी अहम भूमिका निभाएगा। इससे पहले अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने जाधव की फांसी की सजा को रोक दिया था, उस समय भी दलवीर भंडारी ने अहम भूमिका अदा की थी।
    • भारत अब कुलभूषण जाधव मामले पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के माध्यम से पाकिस्तान पर आसानी से दबाव बना सकता है।
    • जस्टिस दलवीर भंडारी की जीत से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्य चिंता में आ गए है। क्योंकि यह भारत की एक मिसाल तय करेगा जो भविष्य में उनकी शक्ति को चुनौती दे सकता है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांचों स्थायी सदस्य- अमेरिका, रूस, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम और चीन ग्रीनवुड के पक्ष में खड़े दिखाई दे रहे थे।
    • दलवीर भंडारी की जीत के बाद संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सईद अकबरुद्दीन ने कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय कानून में योगदान हमेशा से कर रहा है।
    • सईद अकबरुद्दीन ने इसे भारत की ऐतिहासिक विजय बताते हुए विश्व महाशक्ति की संज्ञा दी है।
    • भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी जस्टिस दलवीर भंडारी की जीत पर खुशी जाहिर की है।
    • ब्रिटेन ने भारत पर कई सालों तक राज किया है। लेकिन इस बार भारत की वजह से ब्रिटेन का उम्मीदवार नहीं चुना गया है। इसे भारत की कूटनीतिक जीत मानी जा रही है।
    • यह पहली बार होगा जब साल 1946 से ब्रिटेन का एक न्यायाधीश आईसीजे का हिस्सा नहीं हो पाएगा। इसके पीछे भी भारत की शानदार योजना मानी जा रही है।
    • दलवीर भंडारी का आईसीजे में चुना जाना भारत की विदेश नीति व राजनीतिक नेतृत्व को दुनिया को दर्शाता है।
    • अंतरराष्ट्रीय स्तर के बडे मुद्दे जैसे दक्षिण चीन सागर, भारत का अन्य देशों से सीमा विवाद व बड़े फैसलों में भारत की भी अहम भूमिका रहेगी।
    • आईसीजे में भारतीय जज के एक बार फिर चुने जाने से भारत की न्यायिक व्यवस्था को मजबूती व आवश्यक सुधार मिलने की संभावना है।