Fri. Nov 15th, 2024

    इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) ने सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को एक रिट याचिका दायर की। इस याचिका में दावा किया गया है कि नागरिकता संशोधन विधेय (कैब) 2019 संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करता है। कैब को बुधवार को संसद ने पारित किया। याचिका में कहा गया है कि विधेयक अवैध रूप से लोगों को धर्म के आधार पर वर्गीकृत करता है। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल याचिकाकर्ता की तरफ से पेश होंगे।

    विधेयक को राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी दिए जाने के बाद याचिका को शीर्ष कोर्ट में मेंशन किया जाएगा।

    विधेयक को बुधवार शाम राज्यसभा में पारित किया गया। इस विधेयक के जरिए पाकिस्तान, अफगानिस्तान व बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना कर रहे गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता प्रदान की जाएगी। विपक्ष ने इस विधेयक को भेदभावपूर्ण बताया है।

    विधेयक के पक्ष में 125 वोट और खिलाफ में 105 वोट पड़े। विधेयक को भाजपा व उसके सहयोगी जनता दल (यूनाइटेड), शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अलावा ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक), बीजू जनता दल (बीजद), तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) व वाईएसआर कांग्रेस ने समर्थन किया।

    विधेयक पर मतदान के समय शिवसेना अनुपस्थित रही।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *