Mon. Nov 25th, 2024
    टैक्स रिटर्न फाइल

    नई दिल्ली, 3 मई (आईएएनएस)| दिवालिया और शोधन अक्षमता संहिता (IBC) के 2016 में अस्तित्व में आने के बाद से लेकर 31 मार्च 2019 तक दबाव वाली 94 परिसंपत्तियों के समाधान से 43 फीसदी रकम की वसूली हुई है जोकि 75,000 करोड़ रुपये है। यह जानकारी एक रिपोर्ट में मिली है।

    एसोचैम और क्रिसिल की एक रिपोर्ट के अनुसार, मार्च के आखिर तक वित्तीय कर्जदाताओं के कुल 1.75 लाख करोड़ रुपये के दावों में से करीब 75,000 करोड़ रुपये की वसूली हुई है। रिपोर्ट में कहा गया कि देश में परिसंपत्ति समाधान कार्यक्रम अभी तक जारी है।

    रिपोर्ट में बताया गया है कि 43 फीसदी की रिकवरी की दर काफी अच्छी है।

    रिपोर्ट के अनुसार, 94 मामलों में परिशोधन प्रक्रिया अपनाई गई जिसमें वित्तीय कर्जदाताओं के कर्ज की वसूली की दर 22 फीसदी या सामान्य समाधान प्रक्रिया के जरिए वसूली की दर से भी कम रही होगी।

    रिपोर्ट के अनुसार, 94 मामलों में समाधान के लिए औसत समयसीमा 324 दिनों की थी जबकि शोधन अक्षमता समाधान की समयसीमा 270 दिनों की थी।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *