भारतीय तीरंदाजी महासंघ (एएआई) ने 20 जनवरी को चुनाव आयोजित कर नए अधिकारियों का चयन किया। इसके बाद अब भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) अध्यक्ष नरेंदर बत्रा ने विश्व तीरंदाजी महासंघ के अध्यक्ष उगुर इर्डेनेर से एएआई पर लगे बैन को हटाने की अपील की है। बत्रा ने अपने मेल में उगुर को लिखा है, “मैं इस मेल के साथ में एएआई के चुनावों का परिणाम संलिग्त कर रहा हूं जो डब्ल्यूए पर्यावेक्षक की मौजूदगी में संपन्न हुए। मैं आपसे निजी तौर पर यह अपील करता हूं कि आप एएआई पर लगे निलंबन को हटा दें ताकि टोक्यो ओलम्पिक-2020 की तैयारियां शुरू की जा सकें।”
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा शनिवार को भारतीय तीरंदाजी संघ (एएआई) के नए अध्यक्ष चुने गए हैं और इसी के साथ एएआई में लंबे समय से चली आ रही गुटबाजी पर विराम लग गया।
इसी गुटबाजी के कारण एएआई पर विश्व तीरंदाजी ने बैन लगा रखा है और इसी कारण भारतीय खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में तटस्थ खिलाड़ियों के तौर पर हिस्सा लेना पड़ता था।
सीनियर उपाध्यक्ष पद पर कैप्टन अभिमन्यु को चुना गया है जबकि अन्य उपाध्यक्षों में अमरिंदर सिंह बजाज, रुपक देबरॉय, के.के. जादम, रूपेश कर, चेतन कावलेकर, कैलाश मोरारका, पाइया बान्याल वार नोंगबरी, डी.के. विद्यार्थी के नाम हैं।
प्रमोद चंद्रूकर को महासचिव चुना गया है। संयुक्त सचिव का पद दिनेश फाटुभाई के हिस्से आया है उनके अलावा छह और संयुक्त सचिव चुने गए हैं जिनमें केबी गुरंग, राम निवास हुड्डा, सयैद अली हुसैनी, सुमांता चंद्र मोहंती, कोंजुम रिबा और जोरिया पाउल उम्माचेरिल के नाम शामिल हैं। राजेंद्र सिंह तोमर को कोषाध्यक्ष बनाया गया है।
एक बयान में मुंडा ने कहा है, “विश्व तीरंदाजी की तरफ से लगाए गए बैन को हटाना, खेल मंत्रालय से संघ का मान्यता दिलाना, ज्यादा से ज्यादा तीरंदाजी अकादमियों की स्थापना करना, संघ की गतिविधियों को सुचारू रूप से चलाना, स्पांसरशिप आदि से फंड एकत्रित करना हमारी प्राथमिकता सूचि में है।”
उन्होंने कहा, “टोक्यो ओलम्पिक में महिला कैटेगरी में फुल कोटा हासिल करना, भारतीय टीम को ओलम्पिक के लिए और अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं के लिए तैयार करना और सभी तरह की सुविधाएं मुहैया कराना हमारा लक्ष्य है।”
एएआई के चुनाव दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के बाद आयोजित किए गए हैं। इससे पहले भी एएआई के चुनाव हुए थे लेकिन दो अलग-अलग गुटों द्वारा नई दिल्ली और चंडीगढ़ में चुनाव कराए जाने के कारण विश्व तीरंदाजी ने उन्हें मान्य नहीं किया था क्योंकि यह उसके नियमों का उल्लंघन था।
वी.के. मल्होत्रा और बी.वी.पी. राव के दो धड़ों के बीच विवाद के कारण दो अलग-अलग चुनाव नौ जून को नई दिल्ली और चंडीगढ़ में कराए गए थे। विश्व तीरंदाजी संघ द्वारा निलंबन की धमकी के बावजूद यह चुनाव कराए गए थे। इसका हालांकि फायदा नहीं निकला क्योंकि अगस्त में विश्व संस्था ने अपनी धमकी को अमलीजामा पहना दिया।