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    नई दिल्ली, 27 अप्रैल | अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) ने शनिवार को साफ कर दिया कि आने वाले समय में इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) ही भारत की टॉप लीग होगी और जो आई-लीग क्लब इसका हिस्सा बनना चाहते हैं, उन्हें बिडिंग में हिस्सा लेना होगा।

    आई-लीग क्लबों ने एआईएफएफ के साथ भारतीय फुटबाल के भविष्य के रोडमैप को लेकर जारी विवाद के कारण हाल में हुए सुपर कप फुटबाल टूर्नामेंट में भी हिस्सा नहीं लिया था। सुपर कप एक नॉकआउट टूर्नामेंट है, जिसमें आई-लीग और आईएसएल की टीमें खेलती हैं। टीमों का चयन सीजन लीग के अंत में मौजूदा अंकतालिका के आधार पर किया जाता है।

    इस विवाद को सुलझाने के लिए आई-लीग क्लबों ने एआईएफएफ के अध्यक्ष प्रफुल पटेल के साथ बैठक करने की भी मांग की है लेकिन लोकसभा चुनाव में व्यस्त होने के कारण पटेल अभी तक क्लबों को अपना समय नहीं दे पाए हैं। पटेल ने हालांकि कहा था कि वह इस विवाद को सुलझाने के लिए वार्ता के लिए प्रतिबद्ध हैं।

    एआईएफएफ के महासचिव कुशल दास ने प्रमुख बांग्ला समाचार पत्र ‘आनंद बाजार पत्रिका’ से कहा कि भारत के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी जिस टूर्नामेंट में खेलते हैं वही देश का नंबर-1 टूर्नामेंट होगा। राष्ट्रीय टीम से खेलने वाले 99 प्रतिशत खिलाड़ी आईएसएल में ही खेलते हैं और इसी कारण यह भारत का टॉप डिविजन लीग होगा।

    पत्र ने दास के हवाले से लिखा, “भारत के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी जिस टूर्नामेंट में खेलते हैं वही देश का नंबर-1 टूर्नामेंट होगा। राष्ट्रीय टीम से खेलने वाले 99 प्रतिशत खिलाड़ी आईएसएल में ही खेलते हैं। पेपर बना लिए गए हैं और 15 दिनों के भीतर हम बैठकर बात करेंगे कि देश में नंबर-1 लीग कौन सी है। इस साल दोनों लीग के जुड़ने की कोई संभावना नहीं है, शायद अगले साल ऐसा हो सकता है। लेकिन आई-लीग का नाम जरूर बदलेगा।”

    आईएएनएस द्वारा संपर्क किए जाने पर दास ने अपने बयान पर मुहर लगाते हुए कहा, “हमने 2016 में ही बताया था कि आईएसएल ही टॉप लीग होगी। इसमें कोई नई बात नहीं है। एआईएफएफ ने अभी इस पर किसी प्रकार का निर्णय नहीं लिया है और निर्णय लेने के बाद हम घोषणा करेंगे। कुछ दिन बाद हम शायद प्रमोशन और रेलिगेशन भी शुरू करेंगे।”

    एआईएफएफ के उपाध्यक्ष सुब्रता दत्ता ने भी दास के बयान को दोहराया, “मैंने भी दास का बयान पढ़ा है। मैं समझता हूं कि एआईएफएफ जल्द ही भारतीय फुटबाल के रोडमैप को पेश करेगा।”

    आईएसएल को भारत की शीर्ष लीग का दर्जा दिए जाने के बाद सबसे बड़ा सवाल यह पैदा होता कि देश की सेकेंड डिविजन लीग कैसी होगी और उनमें कौन सी टीमों खेलेंगी। आई-लीग क्लबों ने पहले ही कह दिया है कि पैसों की तंगी के कारण वह आईएसएल के लिए होने वाली बिडिंग में हिस्सा नहीं ले सकते। इनमें मौजूदा आई-लीग चैम्पियन चेन्नई सिटी एफसी, ईस्ट बंगाल और मोहन बागान शामिल हैं।

    इस पर दास ने कहा, “जो टीमें आईएसएल नहीं खेल रही हैं, वे सेकेंड डिविजन में खेलेंगी। हम बिडिंग शुरू करेंगे और जिन टीमों को खेलना वह उसमें हिस्सा लें और अगर वे ऐसा नहीं करेंगे तो हम क्या कर सकते हैं।”

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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