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    बॉर्डर सिक्यूरिटी फ़ोर्स(बीएसएफ) में कांस्टेबल अचुतानंद मिश्र को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा सेना से जुडी संवेदनशील जानकारी पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई को सोंपने के जुर्म में बुधवार गिरफ्तार किया गया हैं।

    उत्तर प्रदेश पुलिस के अनुसार, कांस्टेबल अचुतानंद मिश्र को सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी एजेंसी आईएसआई द्वारा “हनी ट्रैप” में फसाया गया था।

    उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी ओ पी सिंह ने कहा, “कांस्टेबल अचुतानंद मिश्र से पुलिस द्वारा की गयी पूछताछ में उसने सेना से जुडी संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान के एक महिला को देनो को कबूल किया हैं। कांस्टेबल मिश्र के अनुसार वह महिला पाकिस्तान में डिफेंस रिपोर्टर थी। दोनों सोशल मीडिया के माध्यम से जनवरी 2016 से संपर्क में थे।”

    बीएसएफ कांस्टेबल अचुतानंद मिश्र को यूपी एंटी टेररिज्म स्कौड़ ने नोएडा से गिरफ्तार किया हैं। यह गिरफ्तारी चड़ीगढ़ के मिलिटरी इंटेलिजेंस से जानकारी मिलने के बाद की गयी हैं। इस गिरफ्तारी के बाद एंटी टेररिज्म स्कौड़ ने कहा, उनकी जासूसी विरोधी दस्ते को ऐसे कई फेक फेसबुक प्रोफाइल मिले हैं, जिनका इस्तेमाल सेना और सुरक्षा बालों के जवानों को फ़साने के लिए किया जाता था।

    एंटी टेररिज्म स्कौड़ ने अपने बयान में कहा हैं, “कांस्टेबल मिश्र को सेना से जुडी संवेदनशील जानकारी देने के लिए उस पाकिस्तानी महिला ने उकसाया था। उनके बीच कई बार सोशल मीडिया के माध्यम से बाते होती थी और जल्द ही मिश्र ने बीएसएफ यूनिट्स, उनकी पोस्टिंग, गोलाबारूद, बंदूके इसके जुडी जानकारी देने लगा। बीएसएफ के पोस्टिंग से जुड़े विडियो मिश्र पाकिस्तानी महिला को भेजने लगा था।”

    उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी ओ पी सिंह ने कहा, “जवान(कांस्टेबल मिश्र) के फ़ोन से डाटा की जांच की जा चुकी हैं। फेसबुक के माध्यम से इमेजेज और विडियो भेजे जाने का सबूत हमें मिले हैं। फेसबुक के आलावा मिश्र और वह पाकिस्तानी महिला दोनों व्हाट्सअप्प पर भी बातें करते थे। व्हाट्सअप्प पर बाते करते हुए मिश्र ने उस पाकिस्तानी महिला का नाम पाकिस्तानी दोस्त इस नाम से सेव किया था। मिश्र ने कबुल किया की, उसे कश्मीर के मुद्दे पर बात करने के लिए उकसाया जाता था।”

    “कांस्टेबल मिश्र से आधिक पूछताछ की जाएगी, और यह जांचा जाएगा की वह नंबर उन्हें कैसे मिला, इसके पीछे सक्रीय नेटवर्क हैं की नहीं। जवान के बैंक स्टेटमेंट की भी जांच की जाएगी और यह देखा जाएगा की जानकारी देने के एवज में उसे पैसे तो दीए नहीं गए हैं।”

    अचुतानंद मिश्र पर ऑफिसियल सेक्रेटेस एक्टके सेक्शन 3, 4, 5, 9 और इंडियन पीनल कोड के सेक्शन 121A सरकार विरोधी युद्ध में मदत करना और आईटी एक्ट के सेक्शन 66डी के अंतर्गत केस दर्ज किया जा चूका हैं।

    By प्रशांत पंद्री

    प्रशांत, पुणे विश्वविद्यालय में बीबीए(कंप्यूटर एप्लीकेशन्स) के तृतीय वर्ष के छात्र हैं। वे अन्तर्राष्ट्रीय राजनीती, रक्षा और प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज में रूचि रखते हैं।

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