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    आईएसआईएस-के

    अमेरिका के राज्य विभाग के प्रवक्ता मॉर्गन ओरटागुस ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि “अलबत्ता, आईएसआई को सीरिया-इराक के क्षेत्रों से खदेड़ दिया गया है लेकिन उसके सहयोगी गुटों का विश्व में अभी भी आतंकी खतरा बरक़रार है।”

    उन्होंने अमेरिका की तरफ से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् द्वारा आईएसआईएस-खोरासन को प्रतिबंधित करने के निर्णय का स्वागत किया है। यह आतंकी समूह अफगानिस्तान में कई आतंकी हमलो को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार है। यूएनएससी 1267 आईएसआईएल और अल कायदा की प्रतिबन्ध लगाने वाली समिति ने हाल ही में यह निर्णय लिया था।

    आईएसआईएस का आतंकी खतरा बरक़रार

    यूएन के इस निर्णय के साथ ही आईएसआईएस के पहले सहयोगी गुट को सुरक्षा परिषद् ने आतंकी सूची में शामिल कर दिया है।

    अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा कि “आईएसआईएस को मात देने की वैश्विक लड़ाई में यह कार्रवाई जरुरी थी। इराक और सीरिया से आईएसआईएस को पूरी तरह खदेड़े जाने के बावजूद विश्व में उनके गुटों का अभी भी आतंकी खतरा बरक़रार है और उनके जरुरत के सांसदों की उनतक पंहुच को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को एकजुट होना होगा।”

    श्रीलंका में बीते माह भयावह आतंकी हमले की जिम्मेदारी आईएसआईएस ने ली थी। जबकि अमेरिका ने चरमपंथियों के गढ़ और उसके सहयोगियों के सीरिया के क्षेत्र में मौजूद स्त्रोतों को ध्वस्त कर दिया है। यूएन के प्रतिबन्ध के बाद सभी सदस्य देशों को आईएसआईएस-के पर यात्रा प्रतिबन्ध, हथियारों की घाटबंधी और उसकी सारी संपत्ति को जब्त करना होगा।

    साथ ही आतंकी गतिविधियों को जारी रखने के लिए जरुरत के संसाधनों तक आतंकवादी समूह की पंहुच को खत्म करने के लिए कार्रवाई करनी होगी। सितम्बर 2015 में अमेरिका ने आईएसआईएस-के को विशेष वैश्विक आतंकी की सूची में डाला था। जनवरी 2016 में प्रवासन और राष्ट्रीयता कानून के सेक्शन 219 के तहत विदेशी आतंकी संगठन करारा दिया था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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