Sat. Nov 23rd, 2024
    माइक पोम्पिओ

    अमेरिका के कांग्रेस सांसद ने पाकिस्तान के खिलाफ राज्य सचिव माइक पोम्पिओ को लिखा कि चीन की लूटेरी ढांचागत परियोजनाओं का कर्ज चुकाने के लिए पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से बैलआउट पैकेज ले रहा है। तीन कांग्रेसमैन एशिया पर गठित सब कमिटी के सदस्य टेड योहा, द पैसिफिक एंड नॉन प्रोलीफेरशन जॉर्ज होलिडिंग और एमी बेरा ने माइक पोम्पिओ और उनके सहयोगियों को पत्र लिख चिंता व्यक्त की थी।

    कांग्रेस के सांसद ने कहा कि “चीन ने 62 अरब डॉलर पाकिस्तान की सीपीईसी परियोजना में निवेश किये थे। इसकी कर्ज भुगतान प्रक्रिया और लाभ प्रक्रिया पारदर्शी नहीं हैं और इसने पाकिस्तान के भीतर काफी चिंताए उत्पन्न कर दी है। चीन की कर्ज के जाल की कूटनीति से सभी परेशान है। इसी प्रकार श्रीलंका भी चीनी कर्ज को अदा करने में असमर्थ था इसलिए चीन ने हबनटोटा बंदरगाह को अपने नियंत्रण में ले लिया था।”

    उन्होंने कहा कि “मज़बूरी में चीन को बंदरगाह के नजदीक 15000 एकड़ की जमीन को चीन को 99 वर्ष  के लिए सौंपना पड़ा था और चीन की लूटेरी वित्तीय नीति का प्रभाव से पाकिस्तान बाहर नहीं निकल सकता है। सीपीईसी परियोजनाओं की पारदर्शिता की सख्त जरुरत है। जब तक शर्तो को जांच के अधिन नहीं किया जाता, आईएमएफ की मदद का इस्तेमाल चीन के कर्ज को चुकाने में पाकिस्तान कर सकता है।”

    उन्होंने कहाँ कि निसंदेह पाकिस्तान की चीन के साथ दोस्ती श्रीलंका से अलग प्रकार की है। चीनी परमाणु तकनीक और एडवांस्ड वेपन सिस्टम खरीदने वाला रणनीतिक मित्र है इसलिए कर्ज मुद्दे पर चीन की प्रतिक्रिया काफी अलग हो सकती है। बीते 22 सालो से पाकिस्तान आईएमएफ के साथ कार्य कर रहा है लेकिन सिफारिशो के बावजूद पाकिस्तान अपनी संरचतामक आर्थिक समस्याओं को सुलझाने में विफल रहा है। इसलिए आईएमएफ की तरफ से एक अन्य बैलआउट पैकेज बर्बाद हो सकता है क्योंकि पाकिस्तान की परियोजना पारदर्शी नहीं है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *