आर्थिक नकदी से जूझते पाकिस्तान ने मदद के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मदद की गुहार लगाई थी। आईएमएफ की समीक्षा के मुताबिक वह पाकिस्तान के कर संग्रह की नीति से असंतुष्ट है। आईएमएफ ने पाकिस्तान को हिदायत दी कि अर्थव्यवस्था को संवारने के लिए कर संग्रह को दुरुस्त करें।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी वित्त मंत्री ने कहा था कि सरकार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मदद के लिए प्रयास कर रही है। इस माह की शुरुआत में सऊदी अरब ने पाकिस्तान को 6 बिलियन डॉलर की मदद मुहैया करने का ऐलान किया था। साल 1980 के बाद यह पाकिस्तान का 13 वां बैलआउट पैकेज होगा। अक्टूबर में पाकिस्तान आधिकारिक तौर पर आईएमएफ के द्वार पर गया था।
जुलाई 2018 तक पाकिस्तान का वित्त घाटा 18 बिलियन डॉलर था। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान के पास सिर्फ दो माह के आयात के लिए 8 बिलियन डॉलर शेष है। चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजना के कारण पाकिस्तान पर कर्ज बढ़ गया है और पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बुरे दौर से गुजर रही है।
खबरों के मुताबिक चीन ने पकसितां को 6 बिलियन डॉलर की मदद करने का आश्वासन किया था। इमरान खान मदद के लिए अगले सप्ताह मलेशिया के दौरे पर भी जाएंगे। पाकिस्तान में नियुक्त मलेशिया के राजदूत ने इमरान खान की सरकार को हर संभव मदद मुहैया करने का भरोसा दिया है।