अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने बुधवार को पाकिस्तान के लिए तीन वर्षो की आमद के लिए छह अरब डॉलर की कर्ज को मंज़ूरी दी है। आईएमएफ के प्रवक्ता गेर्री राइस ने कहा कि “यह कर्ज पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था योजना को सहयोग करेगा, जिसका मकसद देश की अर्थव्यवस्था के सतत वृद्धि और रहने के स्तर में सुधार करने में लाभदायक है।”

आईएमएफ ने बयान में कहा कि “एग्जीक्यूटिव बोर्ड ने पाकिस्तान को तत्काल एक अरब डॉलर भेजने की मंज़ूरी दे दी है। शेष रकम कार्यक्रम के चरण के दौरान अदा की जाएगी। इसमें चार तिमाही समीक्षा और अर्धवार्षिक समीक्षा होगी। यह कर्ज का कार्यक्रम पाकिस्तान को आर्थिक मुश्किलो को कम करने और सतत व संतुलित वृद्धि करने में मददगारी साबित होगी।”

पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ मई में छह अरब डॉलर के समझौते पर पहुंच गया था। पाकिस्तान के वित्तीय सलाहकार अब्दुल हफ़ीज़ शैख़ ने कहा कि “आईएमएफ का कर्ज  पाकिस्तान की सरकार के लिए इच्छापत्र है और यह वित्तीय अनुशासन और आर्थिक प्रबंधन को सुनिश्चित करने के लिए है।”

उन्होंने कहा कि “देश के आर्थिक सुधार कार्यक्रम व्यापक आधारित वृद्धि को सहयोग करेगा जो अर्थव्यवस्था के असंतुलन को कम होने से होगा।” ट्वीटर पर उन्होंने कहा कि “समाज पर खर्च कमजोर वर्ग का संरक्षण मजबूती प्रदान करता है।” पाकिस्तान ने चीन, सऊदी अरब और यूएई से लाखो रूपए उधार लिए हैं।

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हाल ही में क़तर ने पाकिस्तान को निवेश के तौर पर 3 अरब डॉलर का पैकेज दिया था। सऊदी अरब ने तीन अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज का ऐलान किया था और इसके आलावा 3.2 अरब डॉलर के रूप में तेल की कीमत में रियायत बरती थी। यूएई ने बेलआउट पैकेज के रूप में पाकिस्तान को दो अरब डॉलर मुहैया किये थे। चीन ने पाकिस्तान को 4.6 अरब डॉलर के रूप में डिपॉजिट और वाणिज्य कर्ज मुहैया किया था।