अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान ने अर्थव्यवस्था में स्थिरता लाने की दिशा में कुछ ठोस कदम उठाए हैं लेकिन अर्थव्यवस्था के हालात ऐसे हैं कि देश अभी ही नहीं, आने वाले सालों में भी संकटों से घिरा रहेगा। आईएमएफ ने साफ किया है कि पाकिस्तान के फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की काली सूची में जाने का खतरा बना हुआ है। अगर ऐसा हुआ तो पाकिस्तान में पूंजी के आने पर और विदेशी निवेश पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा।
पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट में बताया गया है कि आईएमएफ की टीम ने हाल में पाकिस्तान का दौरा किया था जिसके बाद उसकी तरफ से यह समीक्षा रिपोर्ट सोमवार को जारी की गई। इसमें कहा गया है कि वित्तीय अनुशासन की दिशा में पाकिस्तान सरकार के प्रयासों से अर्थव्यवस्था में स्थिरता आई है लेकिन देश को आगे आने वाले सालों में मुश्किलों का सामना करते रहना पड़ेगा। विकास दर प्रभावित रह सकती है और बजटीय घाटा भी परेशान कर सकता है।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि आईएमएफ से लिए गए कर्ज की शर्तो में बंधी पाकिस्तान की सरकार ने आईएमएफ को आश्वस्त किया है कि अगले महीने देश में बिजली और गैस के दाम और बढ़ा दिए जाएंगे। जो लोग बिजली बिल नहीं चुकाएंगे, उनका कनेक्शन तुरंत काट दिया जाएगा।
रिपोर्ट में आईएमएफ ने कहा कि उसे आश्वस्त किया गया है कि राजस्व बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय कर प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। घाटे में चल रहे सरकारी उपक्रमों को कंपनी में बदला जाएगा।