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    भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

    पाकिस्तान ने हाल ही में भारत की परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत की तैनाती पर चिंता जाहिर की थी। भारत ने पाकिस्तान का करार जवाब देते हुए कहा कि जिस देश में सिद्धांत ही नहीं है, उसके मुख से ऐसी टिप्पणी शोभा नहीं शोभा नहीं देती है।

    पाकिस्तानी विदेश विभाग के प्रवक्ता मुहम्मद फैसल ने कहा था कि भारत की आईएनएस अरिहंत परमाणु पनडुब्बी की तैनाती न सिर्फ दक्षिण एशिया के इलाके के लिए खतरनाक है, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए भी चिंताजनक विषय है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि इस मसले पर प्रधानमंत्री मोदी का पक्ष स्पष्ट है।

    नरेन्द्र मोदी ने स्पष्ट कहा था कि भारत के परमाणु शस्त्र, आक्रामक नीति का हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा था कि ये स्थिरता और शांति की स्थापना के लिए जरुरी है। रवीश कुमार ने कहा कि भारत एक जिम्मेदार राष्ट्र है और यह टिप्पणी एक गैर जिम्मेदार देश कर रहा है। उन्होंने कहा कि देश की परमाणु पनडुब्बी या दुश्मनों की विनाशक ने पहली सैन्य यात्रा संपन्न कर ली है।

    करतारपुर सीमा के मसले पर रवीश कुमार ने कहा कि पाकिस्तान ने अधिकारिक स्तर पर भारत से कोई संपर्क नहीं किया है। पंजाब के मुख्यमंत्री के सुषमा स्वराज को लिखी चिट्ठी के बाबत उन्होंने कहा कि पत्र को पढ़कर ही उस पर कोई टिप्पणी की जा सकती है।

    अमेरिकी प्रतिबंधों को नकार कर रूस से एस-400 मिसाइल खरीदने के बाबत रवीश कुमार ने कहा कि भारत इस मसले पर कई साझेदारो से बातचीत कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमने अमेरिका को स्थिति और उद्देश्य के बाबत जानकारी दे दी है। उन्होंने कहा कि भारत को लगता है कि अमेरिका हमारी चिंताओं, उद्देश्यों और उम्मीदों पर खरा उतरेगा।

    श्रीलंका में राजनीतिक संकट के बाबत प्रवक्ता ने कहा कि वहां के हालातों पर भारत ने नज़र बनाई हुई है। उन्होंने कहा कि हालात अभी अस्पष्ट है। उन्होंने कहा कि मेरे ख्याल से श्रीलंका में लोकतान्त्रिक मूल्यों और संवेधानिक प्रक्रिया का सम्मान किया जायेगा।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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