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    केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) की एक अदालत ने शुक्रवार को आईएनएक्स मीडिया मामले में मंजूरी देने वाले विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड(एफआईपीबी) के तत्कालीन छह नौकरशाहों को अंतरिम जमानत दे दी। इस मामले में पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम भी शामिल हैं। चिदंबरम को भी अदालत के समक्ष पेश किया गया था। अदालत ने नौकरशाहों की जमानत याचिका पर सीबीआई को नोटिस दिया है और मामले की सुनवाई 17 दिसंबर को मुकर्रर कर दी।

    विशेष सीबीआई न्यायाधीश अजय कुमार कुहर ने सभी नौकरशाहों को दो लाख रुपये के जमानत बांड और इतने ही राशि का मुचलका जमा करने का आदेश दिया।

    इन छह नौकरशाहों में वित्त मंत्रालय के एफआईपीबी इकाई के तत्कालीन सेक्शन ऑफिसर अजीत कुमार डुंगडुंग, वित्त मंत्रालय के एफआईपीबी इकाई में तत्कालीन अवर सचिव रबिंद्र प्रसाद, वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग में तत्कालीन ओएसडी प्रदीप कुमार बग्गा, एफआईपीबी बोर्ड के तत्कालीन निदेशक प्रबोध सक्सेना, आर्थिक मामलों के विभाग(विदेशी व्यापार) में तत्कालीन संयुक्त सचिव अनुप के. पुजारी, आर्थिक मामलों के विभाग के तत्कालीन अतिरिक्त सचिव सिंधुश्री खुल्लर शामिल हैं।

    एजेंसी ने 14 आरोपियों -पी. चिदंबरम, कार्ति चिदंबरम, उनके अकाउंटेंट एस. भास्करन, आईएनएक्स मीडया के पूर्व निदेशक पीटर मुखर्जी, आईएनएक्स मीडिया, आईएनएक्स न्यूज, चेस मैनेजमेंट सर्विसेज, एएससीपीएल और छह नौकरशाहों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।

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