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    इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईआरसीटीसी) ने सुविधा शुल्क से इस साल सिर्फ सितंबर माह में 63 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की है। यह खुलासा एक आरटीआई आवेदन के जरिए हुआ है।

    केंद्र सरकार ने डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए करीब तीन वर्ष पहले ई-टिकट बुकिंग पर सेवा शुल्क समाप्त करने का निर्णय लिया था। सेवा शुल्क समाप्त किए जाने से पहले गैर वातानुकूलित श्रेणी के रेल टिकटों पर 20 रुपये प्रति टिकट एवं वातानुकूलित श्रेणी के टिकटों पर 40 रुपये प्रति टिकट सेवा शुल्क लिया जाता था।

    पूर्व में लिए गए फैसले के विपरीत आईआरसीटीसी ने ऑनलाइन रेल टिकट बुक कराने पर इसी साल एक सितंबर से सेवा शुल्क की शुरुआत कर दी। इसमें गैर वातानुकूलित श्रेणी के टिकटों पर 15 रुपये और वातानुकूलित श्रेणी के टिकटों पर 30 रुपये का सेवा शुल्क लिया जाता है। इस सेवा शुल्क पर जीएसटी अतिरिक्त है।

    मध्य प्रदेश के नीमच जिले के निवासी सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने सूचना के अधिकारी (आरटीआई) के तहत आईआरसीटीसी से यह जानना चाहा कि ई-टिकट बुकिंग पर एक सितंबर, 2019 से शुरू किए गए सेवा शुल्क से एक सितंबर से 30 सितंबर, 2019 तक की अवधि के दौरान कुल कितना सेवा शुल्क प्राप्त हुआ है।

    इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईआरसीटीसी) ने गौड़ के आवेदन के जवाब में जो ब्योरा उपलब्ध कराया है, उसमें सेवा शुल्क के स्थान पर सुविधा शुल्क लिखा गया है।

    बहरहाल, आईआरसीटीसी ने कहा है कि उसके पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार, एक सितंबर, 2019 से 30 सितंबर, 2019 तक की अवधि के दौरान सुविधा शुल्क के रूप में कुल 63,05,10,993 (63़ 05 करोड़ रुपये) रुपये की राशि प्राप्त हुई है।

    आईआरसीटीसी की तरफ से उपलब्ध कराई गई जानकारी में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि सुविधा शुल्क की यह राशि सिर्फ ई-टिकट से हासिल हुई है।

    आईआरसीटीसी ने सामाजिक कार्यकर्ता गौड़ को एक ही आरटीआई के कुल तीन जवाब भेजे हैं। पहला जवाब 22 अक्टूबर को आया, जिसमें बताया गया है कि भारतीय रेलवे ने सेवा शुल्क लेना शुरू नहीं किया है, बल्कि आईआरसीटीसी ने एक सितंबर, 2019 से इस सुविधा शुल्क (कन्वीनिएंस फी) की शुरुआत की है, और सितंबर 2019 की अवधि के दौरान सुविधा शुल्क से कुल 51़ 69 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई है।

    वही 30 अक्टूबर, 2019 को दूसरे जवाब में आईआरसीटीसी ने बताया है कि उसके पास उपलब्ध जानकारी अनुसार, सुविधा शुल्क के रूप में सितंबर माह की अवधि के दौरान कुल 53़ 54 करोड़ रुपये (जीएसटी रहित) की राशि प्राप्त हुई है। उसके बाद 11 नवंबर, 2019 को ऑनलाइन आवेदन का निराकरण करते वक्त आईआरसीटीसी ने कहा है कि उसके पास उपलब्ध जानकारी अनुसार, एक सितंबर से 30 सितंबर, 2019 तक की अवधि के दौरान सुविधा शुल्क के रूप में कुल 63,05,10,993 रुपये की राशि प्राप्त हुई है।

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