भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने रैपिड एंटीजन टेस्ट का उपयोग कर घरेलू टेस्ट के लिए एडवाइजरी जारी की है। अब कोरोना टेस्टिंग के लिए होम बेस्ड टेस्टिंग किट को मंजूरी मिल गई है। एंटीजन की रिपोर्ट जहां तुरंत मिल जाती है, वहीं आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट 24 घंटे में आती है। होम बेस्ड टेस्टिंग किट से जांच में तेजी आएगी ही, साथ ही लोग घर बैठे ही कोरोना की जांच कर सकते हैं।
मोबाइल में ऐप डाउनलोड करना होगा
आइसीएमआर की ओर से जारी बयान के मुताबिक, होम टेस्टिंग सिर्फ सिम्प्टोमेटिक मरीजों के लिए है। या ऐसे लोग जो लैब में कन्फर्म केस के सीधे संपर्क में आए हों। होम टेस्टिंग किट बनाने वाली कंपनी के बताए मैन्युअल तरीके से होगी। इसके लिए गूगल प्ले स्टोर और ऐपल स्टोर से ऐप डाउनलोड करना होगा। मोबाइल ऐप के जरिए पॉजिटिव और निगेटिव रिपोर्ट मिलेगी।
इसका प्रयोग कोरोना के हल्के लक्षण या संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हुए लोग कर सकते हैं। होम बेस्ड टेस्टिंग किट से ज्यादा टेस्ट की सलाह नहीं दी गई है।
आइसीएमआर के अलावा डीसीजीआई ने भी होम बेस्ड टेस्टिंग किट की बाजार में बिक्री की मंजूरी दे दी है। हालांकि, यह टेस्टिंग किट तुरंत बाजार में उपलब्ध नहीं होगी, इसे व्यापक रूप से उपलब्ध होने में कुछ समय लगेगा।
ज्ञात हो कि आइसीएमआर के कोविड के लिए होम बेस्ड टेस्टिंग किट को मंजूरी देने के बाद अब कोरोना की जांच करना आसान होगी। फिलहाल भारत में केवल एक कंपनी को इसकी मंजूरी दी गई है, जिसका नाम मायलैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस लिमिटेड है।
होम टेस्टिंग मोबाइल ऐप गूगल प्ले स्टोर और एपल स्टोर में उपलब्ध है। इसे सभी यूजर्स डाउनलोड कर सकते हैं। मोबाइल ऐप टेस्टिंग प्रक्रिया का एक व्यापक मार्गदर्शक है, जो पॉजिटिव या निगेटिव रिजल्ट प्रदान करेगा। इस ऐप का नाम माईलैब कोविससेल्फ नाम है।
ज़्यादा घरेलू रैपिड एंटीजेन टेस्ट नहीं करने की सलाह
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने बुधवार को कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए घरों में अंधाधुंध रैपिड एंटीजेन टेस्ट (आरएटी) जांच नहीं करने की सलाह दी। संगठन ने कहा कि लैब से जिन लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई हो, उनके निकट संपर्क में आने वाले लोगों और जिनमें संक्रमण के लक्षण नजर आ रहे हों, सिर्फ उन्हीं लोगों की रैपिड किट से जांच की जानी चाहिए।