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    child starvation

    अमरावती, 3 मई (आईएएनएस)| आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में पिछले छह महीनों के दौरान भूख से दो बच्चों की मौत हो गई।

    बच्चों के अधिकारों के लिए लड़ने वाले गैर सरकारी संगठन, बालाला हक्कु ला संघम ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को शिकायत भेजी है कि लगभग पांच साल उम्र के दो बच्चों की मौत हो गई, क्योंकि वे अपनी भूख मिटाने के लिए मिट्टी खाते थे।

    वेóोला की मौत 28 अप्रैल को हो गई, जबकि उसके चचेरे भाई संतोष की मौत छह महीने पहले हो गई थी। दोनों बच्चों को महेश और नीला ने अपनी झोपड़ी के पास दफना दिया। ये दोनों आजीविका की तलाश में छह बच्चों के साथ कर्नाटक से यहां आए थे।

    संतोष इस दंपति का पुत्र था, जबकि वेóोला नीला की बहन की बेटी थी।

    दोनों दंपति शराब के आदी थे और वे बच्चों को भोजन नहीं दे पा रहे थे। बच्चों की मौत की खबर फैलने के साथ ही स्थानीय अधिकारी हरकत में आ गए और उन्होंने चार बच्चों के पुनर्वास के लिए उन्हें एक सरकारी बाल गृह में पहुंचा दिया। दंपित को शराब छुड़ाने वाले एक केंद्र भेज दिया गया।

    स्थानीय लोगों का कहना है कि इस परिवार के पास जीने के लिए कुछ नहीं था। कभी-कभी आस-पड़ोस के लोग खाने के लिए कुछ दे देते थे, जो पर्याप्त नहीं था।

    इस परिवार के पास राशन कार्ड नहीं था, क्योंकि प्रशासन ने आधार कार्ड न होने के कारण राशन कार्ड नहीं जारी किया था। कादिरी रेवेन्यू डिविजनल ऑफिसर टी. अजय कुमार ने आश्वस्त किया कि दंपति को आधार कार्ड, राशन कार्ड और अन्य प्रमाण-पत्र मुहैया कराए जाएंगे, ताकि वे विभिन्न योजनाओं के लाभ ले सकें।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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