पिछले 46 टी-20 मैचों में यह तीसरी बार हुआ जब मिताली राज 9 नवंबर को खेले गए भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच 2018 के पहले वर्ल्ड टी-20 में ओपनिंग के लिये नहीं उतरी। उनकी जगह 20 साल की भारती़य महिला टीम की विकेटकीपर तानिया भट्ट- स्मृति मंदाना के साथ अोपनिंग के लिये उतरी, लेकिन विकेटकीपर बल्लेबाज को यह मौका सिर्फ एक ही मैच के लिये मिला और भारत और पाकिस्तान के बीच एक हाई प्रेशर मैच में मिथाली राज फिर से अपनी पुरानी ओपनिंग पार्टनर स्मृति मंदाना के साथ ओपनिंग करने उतरी।
दूसरे मैच में दोबारा ओपनिंग करने उतरी मिताली राज ने पाकिस्तान टीम के खिलाफ(57) रन बनाए ओैर टीम को आसानी से लक्ष्य तक पहुंचाया और टीम नें टी-20 वर्ल्ड कप में आसानी से अपनी दूसरी जीत हासिल की।
अपने शानदार प्रदर्शन के बाद मिताली राज का कहना था कि उन्हें इस टूर्नामेंट के अपने पहले मैच में टॉप आर्डर बल्लेबाज के रुप में इसलिए खेलना पड़ा क्योंकि न्यूजीलैंड एक महान टीम है तो टीम मनेजमेंट के कहने पर उन्हें एक अनुभवी बल्लेबाज के तौर पर मिडल आर्डर पर खेलना और टीम को संभालना जरुरी हैं।
भारतीय टीम के मिडल आर्डर की बात करे तो न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले गए पहले टी-20 मुकाबले में जेमिमा रोड्रिगेज और हरमानप्रीत की साझदेरी को तोड़ पाना न्यूजीलैंड टीम के लिए बहुत मुश्किल रहा और इन दोनों ने विपक्षी टीम के सामने एक विशाल स्कोर खड़ा कर दिया, जिसके कारण टॉप आर्डर में बल्लेबाजी के लिए मिताली राज को मौका नहीं मिला। लेकिन टी-20 के दूसरे मैच में ही पाकिस्तान के खतरनाक स्पिन अटैक के कारण टीम मैनेजमेंट ने मिताली राज को ओपनिंग कराना ठीक समझा।
पाकिस्तान टीम के खिलाफ ओपनिंग करने उतरी मिताली राज और स्मृति मंदाना ने टीम को एक अच्छी शुरुआत दी जिसमें मिथाली राज ने 47 गेंदो मे (57) रन बनाए और मंदाना ने 28 गेंदो में (26) रन जोड़े। पहले विकेट के लिये इन दोनों के बीच 73 रनों की साझेदारी हुई, अपने 57 रनों के योगदान के लिये मिथाली राज को प्लेयर ऑफ दा मैच भी मिला। उनके आउट होने के बाद क्रीज पर बल्लेबाजी कर रही वेदा कुष्णामूर्ति और कप्तान हरमनप्रीत कौर ने टीम को आसानी से जीत दर्ज करवायी।
उनके रिटायरमेंट के बारे में पूछे जाने पर मिताली राज का कहना था कि शायद यह उनका आखिरी वर्ल्ड कप हो सकता हैं। उनका कहना हैं कि अगर में अपने बारे में नहीं सोचकर टीम के लिये सोचू तो टीम में कई प्रतिभाशाली और यंग प्लेयर हैं उन्हें मौका देना चाहिए और भारतीय महिला टीम को एक स्टेबल टीम बनानी चाहिए। यह मेरा आखिरी टी-20 वर्ल्डकप हो सकता हैं।