हाल ही में असम में विधानसभा चुनाव का आखरी चरण पूरा हुआ है। इसी के साथ सत्ता की लड़ाई भी समाप्त होती दिख रही है। कांग्रेस की सरकार हो या भाजपा की सरकार हर कोई अपना सिक्का जमाने में लगा हुआ है। विधानसभा चुनाव में बड़े-बड़े दावे भी में हुए और कई गठबंधन भी।
इसी बीच कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी का एक बयान सामने आता नजर आ रहा है। इसमें वह साफ-साफ कह दे नजर आ रहे हैं कि अगर असम की जनता ने सत्ता में लाती है तो वह निश्चित कर देंगे कि नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी सीएए को असम में लागू नहीं होने देंगे। डिब्रूगढ़ क्षेत्र के लोगों वालों जिले में छात्रों से बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा की सरकार नफरत की सरकार है और लोगों को केवल बांटना जानती है। उन्होंने यह भी कहा कि नफरत और बेरोजगारी में सीधा सीधा नाता है। उन्होंने भाजपा पर असम के संसाधनों को बाहरी लोगों को बेचने का भी आरोप लगाया है।
” विभिन्न भाषा धर्म और लोगों के बीच खुली बातचीत शहीद भारत की परिभाषा है ” – कांग्रेस नेता राहुल गांधी
इसी के साथ साथ राहुल गांधी ने असम की जनता और युवाओं को सरकारी नौकरी का भी वादा किया है। राहुल गांधी ने युवाओं को राजनीति में आने को भी प्रेरित किया और सही के लिए अपनी आवाज उठाने को संबोधित किया। उन्होंने असम का स्वास्थ्य और शिक्षा केंद्र भी मजबूत करने का आश्वासन दिया है।
कांग्रेस और भाजपा की सरकार का 36 का आंकड़ा तो सालों से चलता आ रहा है। यह कोई नए राजनीतिक दल नहीं है और ना ही इनकी प्रतिद्वंदिता कोई नई बात है। कांग्रेस ने कई सालों तक भारत की सत्ता को अपने हाथों में रखा है लेकिन अब भारत की सत्ता भाजपा सरकार के हाथ में है तो कांग्रेस का पलटवार करना लाजमी है।