पीएम मोदी को अपने दौरे के दौरान असम में कड़े विरोध का सामना करना पड़ा है। प्रधानमंत्री शुक्रवार को दो दिवसी दौरे के साथ ही असम पहुंचे थे, जहाँ ऑल असम स्टूडेंट यूनियन (आसू) के सदस्यों ने नागरिक बिल का विरोध करते हुए उनके खिलाफ नारेबाजी की व उन्हे काले झंडे भी दिखाये।
प्रधानमंत्री गुवाहाटी एयरपोर्ट से राजभवन की ओर जा रहे थे, तब उन्हे इस विरोध का सामना करना पड़ा है। प्रधानमंत्री राजभवन में ही अगले 2 दिन बिताएँगे।
प्रधानमंत्री का काफिला जैसे ही एयरपोर्ट से निकलकर गुवाहाटी विश्वविद्यालय के सामने पहुंचा, वहाँ बड़ी तादाद में खड़े आसू सदस्यों ने प्रधानमंत्री के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उन्हे काले झंडे भी दिखाये।
हालाँकि इस विरोध के बाद भी प्रधानमंत्री ने उन सदस्यों का भी अभिवादन किया है, जिसके बाद से यह खबर और भी चर्चा का विषय बनी हुई है।
इस दौरान कुछ लोगों का मानना है कि आसू सदस्यों के पास ही मंत्री सिद्धार्थ भट्टाचार्य और पिजूष हज़ारीका खड़े थे, तो हो सकता है पीएम मोदी ने उनका अभिवादन किया हो।
आसू सदस्यों ने पीएम मोदी का कड़ा विरोध करते हुए ‘मोदी वापस जाओ’ और ‘जय असम’ के नारे भी लगाए हैं।
वहीं दूसरी ओर आसू की प्रेसिडेंट दिपंका नाथ ने कहा है कि ‘प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ लोगों का गुस्सा जायज़ है और कल लोगों की भावनाएं और खुल कर सामने आएंगी।’
नागरिक बिल का विरोध कर रहे लोगों ने यह आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने सिर्फ हिन्दू बांग्लादेशियों को भारत में रहने का अधिकार दिया है।
ऐसे में दिलचस्प रहेगा कि प्रधानमंत्री मोदी को अभी असम में 2 दिन और बिताने हैं और लोकसभा चुनावों के ठीक पहले इस तरह का विरोध भाजपा पर भारी पड़ता हुआ नज़र आ सकता है।