रविवार रात को मुंबई में लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) और राजस्थान रॉयल्स (RR) के बीच खेले गए मैच में कुछ ऐसा हुआ जिसे लेकर खेल जगत और सोशल मीडिया पर रविचंद्रन अश्विन (R. Ashwin) का नाम फिर से चर्चा में है।
जी हाँ, कल खेले गए मैच में अश्विन ने खुद को ही “रिटायर्ड आउट” कर दिया जिसे लेकर सब स्तब्ध हैं। आईपीएल (IPL) के इतिहास में यह पहला मौका था जब कोई खिलाड़ी रिटायर्ड आउट हुआ हो।
इस से पहले भी अश्विन (Ashwin) ने IPL में ऐसी ही कुछ टैक्टिकल मूव के लिए चर्चा में रहे थे जब उन्होनें एक मैच के दौरान जोश बटलर को मंकड़िंग (Mankading) कर के आउट किया था।
जब अश्विन बिना बताए मैदान से बाहर चले गए…
मैच का अठारहवाँ ओवर चल रहा था… इस ओवर की 2 गेंदे भी फेंकी जा चुकी थी…. राजस्थान के तरफ़ से 2 बल्लेबाज अश्विन और हेटमायर क्रीज पर थे…अश्विन 23 बॉल पर 28 रन बनाकर खेल रहे थे…. तभी अश्विन बल्ला लेकर बिना किसी को बताए मैदान से बाहर चले गए और पवेलियन से युवा बल्लेबाज रेयान पराग मैदान पर आते दिखे…
विपक्षी खेमा लखनऊ से लेकर दर्शक कमेंटेटर सब स्तब्ध थे, यहाँ तक कि मैदान पर खड़े दूसरे बल्लेबाज शिमरण हेटमायर को भी नहीं पता चला कि क्या हो रहा है.. फिर पता चला कि अश्विन ने खुद को “रिटायर्ड आउट” कर लिया है और अब उनके जगह रेयान पराग बल्लेबाजी करने आ रहे हैं।
शुरू में लगा कि यह अश्विन (Ashwin) का फैसला है लेकिन पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन में साफ़ हुआ कि यह राजस्थान टीम मैनेजमेंट और खुद अश्विन की एक सोची समझी चाल थी; ताकि अंतिम कुछ गेंदों पर युवा बल्लेबाज पराग और हेटमायर ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ी कर के अपेक्षाकृत ज्यादा रन जोड़ सकें।
मैच के फैसले में भी यही दिखा। अश्विन के रिटायर्ड आउट होने से जो 4-5 रन एक्स्ट्रा बने होंगे, अंत मे वही दोनों टीमो के।बीच जीत और हार का फासला (3 रन से राजस्थान की जीत) बना।
“रिटायर्ड आउट”: कितना जायज़ है Ashwin की यह चाल
क्रिकेट के नियम कहते हैं कि जब कोई बल्लेबाज अंपायर और विपक्षी कप्तान के इजाज़त के बिना वापिस पवेलियन लौट जाए और विपक्षी कप्तान उसे वापस आकर फिर से खेलने की इजाजत ना दे, तो उसे आउट माना जायेगा।
“रिटायर्ड आउट” ICC के नियमों के मुताबिक अपनी जगह एकदम सही है लेकिन क्या यह खेल भावना के साथ है, इसे लेकर चर्चा जरूर की जा सकती है।
अश्विन ने ऐसा कर के अपनी टीम को कुछ और ज्यादा रन बनाने का मौका दिया, इसलिए यह खेल भावना के विपरीत नहीं कहा जा सकता। हालाँकि इसे लेकर विभिन्न लोगों की भिन्न भिन्न राय हो सकती है।
“रिटायर्ड हर्ट” से अलग है “रिटायर्ड आउट”
क्रिकेट की भाषा मे “रिटायर्ड हर्ट (Retired Hurt) ” और “रिटायर्ड आउट (Retired Out)” दोनों अलहदा बातें हैं। कोई बल्लेबाज चोटिल होकर मैदान से बाहर जाता है तो इसे रिटायर्ड-हर्ट (Retired Hurt) कहते हैं। ऐसे में उस बल्लेबाज के पास मौका होता है कि वो वापस आकर अपनी पारी को वहीं से आगे बढ़ा सकता है, जहां से वह छोड़ गया था।
जबकि अगर बल्लेबाज स्वेच्छा से या किसी दूसरे कारण से (चोट के अलावा) बिना इजाजत (मैच ऑफिसियल या विपक्षी कप्तान से) मैदान से बाहर जाता है तो उसे रिटायर्ड-आउट (Retired Out) कहा जाता है। ऐसे में वह अपनी पारी को रिटायर्ड हर्ट के नियमों के तरह दुबारा शुरू नहीं कर सकता।
इतिहास में सिर्फ 4 बार दर्ज है ” रिटायर्ड आउट (Retired Out)”
अश्विन से पहले ऐसा करने वाले बल्लेबाज थे-भूटान के सोमण टॉवय ( Soman Togbay)। भूटान और मालदीव के बीच 2019 में खेले गए एक T20 अन्तरराष्ट्रीय मैच में सोमण 35 गेंदों पर 24 रन बनाकर रिटायर्ड आउट हुए थे।
ऐसी एक और घटना बांग्लादेश प्रीमियर लीग में भी हुई थी जब क्यूमिल्ला वररिर्स के लिए खेलते हुए संजमूल इस्लाम शून्य के स्कोर पर रिटायर्ड आउट हुए थे।
इस सूची में पाकिस्तान के दिग्गज ऑलराउंडर शाहिद अफरीदी का नाम भी शामिल है। 2010 में एक प्रैक्टिस मैच में अफरीदी 14 गेंदों पर 42 रन बनाकर रिटायर्ड आउट हो गए थे।
सोशल मीडिया पर छाया है अश्विन (Ashwin) का रिटायर्ड-आउट (Retired Out) होना
आईपीएल पर दुनिया भर के क्रिकेट पंडितों की नज़र बनी होती है…और बात जब दिग्गज स्पिनर अश्विन की हो तब तो कतई बवाल मचना ही था।
अश्विन और राजस्थान रॉयल्स की यह चाल सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। भारत के पूर्व टेस्ट क्रिकेटर और कमेंटेटर, आकाश चोपड़ा, इरफान पठान आदि ने इसे लेकर प्रतिक्रियाएं दी हैं।
First ever in #IPL history. Retired out, who else but #Ashwin
— Irfan Pathan (@IrfanPathan) April 10, 2022
Ashwin retired out is fascinating T20 tactics. T20 is causing us to rethink the way we conceive the game of in the 21st century.😊😊
— Ian Raphael Bishop (@irbishi) April 10, 2022
Retire-Out. First of many. De-stigmatise it.
— Aakash Chopra (@cricketaakash) April 10, 2022