Sat. Dec 28th, 2024
    आईपीएल 2019

    मेरीलेबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने मानकड़ विवाद की फुटेज देखने के बाद कहा आर.अश्विन का मानकड़ के तहत इंडियन प्रीमियर लीग में जोस बटलर को आउट करना “खेल की भावना के भीतर” बिलकुल भी नही था।

    एमसीसी, क्रिकेट के नियमों के संरक्षक, ने पहले कहा था कि यह निर्णय या तो इस आधार पर हो सकता है कि गेंदबाज जब गेंदबाजी कर रहा था उस समय उसका रुख क्या था।

    एमसीसी प्रबंधक, फ्रेजर स्टीवर्ट ने डेली टेलीग्राफ को बताया, “इस घटना की फिर से समीक्षा करने और आगे के प्रतिबिंब के बाद हमें नहीं लगता कि यह खेल की भावना के भीतर था। ”

    बटलर को रन आउट करने के बाद किंग्स इलेवन पंजाब के कप्तान अश्विन को साथी खिलाड़ियों और क्रिकेट पंडितों से आलोचनाए सुनने को मिली, क्योकि उन्होने राजस्थान रॉयल्स के बल्लेबाज को अपनी पूरी गेंद करने से पहले नॉन-स्ट्राकर छोड़ पर आउट किया था।

    भारत के गेंदबाज वीनू मांकड़ के नाम पर मानकड़ रन आउट का नाम पड़ा उन्हे भी इसी अंदाज में 1947 में ऑस्ट्रेलिया के बिल ब्राउन ने रन आउट किया था, जिसके बाद क्रिकेट के नियमों के तहत इस रन आउट को अनुमति दी गई थी, लेकिन कुछ क्रिकेटर इसको खेल की भावना के खिलाफ जाकर देखते है।

    एमसीसी ने अपना रुख बदल दिया क्योंकि अश्विन अपनी डिलीवरी के बाद रुक गए थे और बटलर का इंतजार कर रहे थे कि वे बेल्स मारने से पहले क्रीज छोड़ दें।

    स्टीवर्ट ने कहा, “हमारा मानना है कि अश्विन के क्रीज पर पहुंचने के दौरान ठहराव बहुत लंबा था और गेंद को डिलीवर होने की उम्मीद करना वाजिब था।”

    उन्होंने कहा, “जब अश्विन गेंद को डिलीवर करने की उम्मीद कर रहे थे, तब वह अपने क्रीज में थे। हमे नही लगता की बटलर उस समय अपनी क्रीज से बाहर थे।

    “बटलर, यह कहना उचित है, अश्विन द्वारा उनकी डिलीवरी में देरी करने के बाद, उन्होंने क्रीज में वापस आने के लिए ठोस प्रयास नहीं किया, और उस संबंध में खुद की मदद नहीं की।”

    उन्होंने कहा, “नॉन-स्ट्राइकरों के लिए क्रिकेट की भावना के खिलाफ अनुचित और अपनी ग्राउंड को बहुत जल्दी छोड़ने के लिए कहा जाना चाहिए। यदि ये गेंदें पिच के नीचे तक जाती हैं, तो ये सभी बहसें जरूरी नहीं होंगी, जब तक कि गैर-स्ट्राइकर अपने मैदान में नहीं रहते।”

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *