जयपुर, 13 मई (आईएएनएस)| राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अलवर सामूहिक दुष्कर्म मामले पर राजनीति करने और लोकसभा चुनाव में फायदा लेने के लिए मुद्दे का राजनीतिक तौर पर इस्तेमाल करने का आरोप लगाया।
अपने आवास पर मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी राजस्थान के मुख्यमंत्री को निशाना बना रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मोदी के पास अलवर अपराध की पूरी जानकारी नहीं है।
उन्होंने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्होंने घटना का इस्तेमाल चुनावों में किया।”
उन्होंने कहा, “हमारा पुलिस विभाग इस मुद्दे पर तेजी से कार्य कर रहा है। सभी लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है और सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।”
उन्होंने कहा, “अब मैं भारत में राजस्थान पुलिस को रोड मॉडल बनाने की योजना बना रहा हूं। दुष्कर्म की शिकायतें अब पहली बार भारत में पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में दर्ज हो सकेगी।”
उन्होंने कहा, “साथ ही महिलाओं के खिलाफ अपराध में त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए राज्य भर में उप पुलिस अधीक्षक रैंक के बराबर के केस ऑफिसर्स की तैनाती की जाएगी।”
यह पूछे जाने पर कि क्या मायवाती राजस्थान में कांग्रेस से समर्थन वापस ले सकती है, उन्होंने कहा, “मायावती दलित पार्टी की नेता हैं और उनकी नाराजगी इस घटना पर स्वाभाविक है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि वह अपना समर्थन लेने पर सोच सकती हैं, लेकिन अभी उन्होंने समर्थन वापस नहीं लिया है और निश्चित तौर पर कांग्रेस को वह अपना समर्थन जारी रखेंगी।”
उन्होंने कहा, “हमें बसपा का समर्थन मिलना जारी रहेगा।”
इससे पहले मोदी ने अपनी एक चुनावी रैली में कथित तौर पर अलवर सामूहिक दुष्कर्म मामले को दबाने को लेकर कांग्रेस की अगुवाई वाली राजस्थान सरकार की निंदा की।
अशोक गहलोत ने कहा, “थानागाजी प्रकरण में समाचार पत्रों की खबरों के अनुसार भाजपा के पूर्व मंत्री हेमसिंह भडाना ने पीड़िता के परिवार के दुख-दर्द को न समझते हुए अमानवीयता की पराकाष्ठा को दर्शाते हुए संवेदनहीनतापूर्वक प्रकरण को दबाने के लिये सौदेबाजी का प्रयास किया गया। जबकि प्रधानमंत्री केस को दबाने का आरोप राज्य सरकार पर लगा रहे हैं।
यह घटना बहुत दुखद है, परन्तु इस पर सियासत करना अत्यन्त ही निन्दनीय है। राज्य में किसी भी पार्टी की सरकार को, ऐसी घटनाओं को रोकना सभी का दायित्व है। पीड़ित परिवार की व्यथा को समझे बिना चुनावी लाभ लेने का प्रयास करना अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण है। “
उन्होनें आगे कहा, “गत भाजपा शासन में महिला अत्याचार, नाबालिग बालिकाओं से बलात्कार की बाढ आई हुई थी। आम जनता की कोई सुनवाई नहीं होती थी। ऐसे कई मामलों में दोषियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं हुई और आम जनता को राहत नहीं मिल पाई। जबकि हमारी सरकार बनते ही, जब भी ऐसे मामले सामने आते हैं तो कठोर कार्रवाई की जाती है।
2017 में दुष्कर्म के 3305 प्रकरण दर्ज हुए जो 2018 में बढ़कर 4335 हो गये। अर्थात् 2017 में प्रतिदिन 9 बलात्कार की घटनायें हुई जो 2018 में 33 प्रतिशत बढ़कर 12 घटनायें प्रतिदिन हो गयी। ”
गहलोत ने कहा, “बीजेपी थानागाजी (अलवर) गैंगरेप पर राजनीति कर रही है। उन्हें शर्म आनी चाहिए कि जयपुर जैसी राजधानी में चित्रकूट में पुलिस थाने से 100 मीटर की दूरी पर ससुर और पति के सामने महिला का सामूहिक बलात्कार हुआ था मगर आज तक सभी अपराधी नहीं पकड़े गए। तब जयपुर शहर के लोग कई दिनों तक सोए नहीं थे। बीजेपी के किसी भी नेता ने ना तो इस्तीफा दिया और ना ही कोई पुलिस अधिकारी हटाए गए। यहां तक की बीजेपी का कोई भी व्यक्ति उनके घर मिलने तक नहीं गया और आज यह चुनाव को देखते हुए राजनीति कर रहे हैं। ”
उन्होनें कहा, “चित्तौडगढ में नाबालिग बच्ची के साथ दरिंदगी के बाद उसका जीवन बचाने के लिये गर्भाशय तक निकालना पडा। डांगावास प्रकरण। सीकर में दामिनी प्रकरण। नोखा का डेल्टा प्रकरण। मल्सीसर में पानी लाने गयी महिला के साथ गैंगरेप प्रकरण। एसएमएस अस्पताल में अपहरण कर लाई बच्ची के साथ दुष्कर्म प्रकरण। इत्यादि अनेकों ऐसे उदाहरण हैं जिन्होंने राजस्थान को शर्मसार कर दिया।”