इन दिनों देश की राजनीति गरमा रखी है। लगभग देश में सभी विपक्षी दलों ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी सुनिश्चित कर ली है। संसद में TDP द्वारा ये प्रस्ताव पेश किया गया जिस को संसद अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने स्वीकार कर लिया एवं कल शाम 6 बजे मतदान सुनिश्चित किया।
इसके जवाब में विपक्ष ने अपनी जीत एवं भाजपा का सूर्यास्त होने का दम भरा है। कांग्रेस पार्टी समेत लगभग सभी दलों ने इसमें अपना योगदान दिया है। AIADMK एवं TRS इस प्रस्ताव से दूर रहेंगी।
बता दे की TDP इस प्रस्ताव को मार्च में पारित कराना चाहती थी परंतु संसद में हंगामे का हवाला देते हुए सुमित्रा महाजन ने इसे पारित नहीं किया था एवं इसे खारिज कर दिया था। इसके पीछे कई वजह है। जैसे की बजट सत्र में हंगामे के आसार थे जो की बहुत हुआ एवं बजट सत्र के दौरान भाजपा बिलकुल बैकफुट पर थी।
नीरव मोदी का घौटाला हो या कर्नाटक चुनाव दोनों ही मुद्दों पर मोदी सरकार विपक्ष से उलझना नहीं चाहती थी। संसद के गणित के लहज़े से देखा जाए तो भाजपा को ये प्रस्ताव तब भी प्रभावित नहीं करता एवं वह इससे आराम से पार पा लेती।
परंतु अब तस्वीर बिलकुल अलग है। मोदी सरकार ने यह प्रस्ताव बड़े ही विनम्र तरीके से अपनाया है क्योंकि उन्हें पता है के भारतीय जनता पार्टी अपने दम पर भी इससे पार पा लेगी। इस प्रस्ताव से नरेंद्र मोदी विपक्ष की घेराबंदी कर रहे है। तीन तलाक पर कानून को लोक सभा पारित कर चुका है।
परंतु राज्य सभा में बहुमत ना होने के कारण वह यह कानून पारित नहीं कर पा रही है। इस प्रस्ताव के ज़रिये वह विपक्ष को दबाव में लेकर एवं बहस खत्म कर इसे लागू करना चाहेंगे। अब देखना यह होगा की विपक्ष किस तरीके से अविश्वास प्रस्ताव रखती है।