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    भारत और ओमान

    भारत और ओमान पारस्परिकता को बढ़ाने के लिए साल 2019 में भारत और ओमान संयुक्त सैन्याभ्यास करेंगे। इस अभियान को नगाह III नाम दिया गया है। यह भारतीय सेना और रॉयल आर्मी ऑफ़ ओमान के बीच एचक्यू जाबेल रेजिमेंट, निजवा, ओमान में होगी।

    यह अभ्यास दोनों देशों की सेनाओं में आपसी समझ और एक-दूसरे का सम्मान को बढ़ाने में योगदान देंगी। ओमान की साइड का प्रतिनिधित्व लेफ्टिनेनेट कर्नल मुहम्मद अल सईदी करेंगे जबकि भारत का प्रतिनिधित्व गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंट के सैनिक करेंगे।

    भारत में ओमान के राजदूत शेख हमद बिन सैफ बिन अब्दुल अज़ीज़ अल रावहि ने कहा कि गल्फ कोऑपरेशन कौंसिल में ओमान पहले राष्ट्र है जिसने भारत के साथ संयुक्त सैन्य अभ्यास, एंटी पायरेसी और सुरक्षा मसलों के साथ आधिकारिक रक्षा सम्बन्ध शुरू किये हैं।

    al nagah 2019

    भारत भी इस क्षेत्र में पहला देश है जिसने त्रिपक्षीय सैन्य अभ्यास की शुरुआत की है और यह गल्फ देश भारत के साथ हिन्द महासागर की सीमा साझा करता है। दो सप्ताह के लम्बे समारोह में दोनों पक्ष तकनीकी और सामरिक कौशल में वृद्धि करेंगे ताकि यूएन के कानून के तहत आतंकवाद और चरमपंथ के खिलाफ अभियान अभियान को अंजाम दिया जा सके।

    अधिकारीयों के मुताबिक दोनों पक्ष विकसित सामरिक ड्रिल्स एक सीरीज में संयुक्त रूप से प्रशिक्षित, योजना बनाना और अमल में लाकर खतरों की आशंका को कम करना है। इसके अंत में जानकार कई मुद्दों पर अपना अनुभव साझा करेंगे। पश्चिमी एशिया में ओमान भारत का सबसे पुराना रक्षा साझेदार है जो पोर्ट ऑफ़ दुक्म तक पंहुच की इजाजत देता है।

    पोर्ट ऑफ़ दुक्म कई सैन्य मकसदों और सैन्य साजो सहयोग के लिए इस्तेमाल किया जाता है और भारत को हिन्द महासागर तक अपने पाँव पसारने की इजाजत देता है। इसके साथ हो दोनों देश नए क्षेत्रों में संयुक्त हित के लिए सहयोग में विस्तार करने के इच्छुक है। इसमें साइबर सिक्योरिटी, अंतरिक्ष और ऊर्जा सुरक्षा शामिल है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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