आज के जमाने में हर कोई उच्च शिक्षा प्राप्त करने जितना भाग्यशाली नहीं होता है। लेकिन आज के डिजिटल जमाने में अनपढ़ या अकुशल लोगों की कहीं मांग ही नहीं है। इससे ऐसे लोगों को बेरोजगारी का सामना करना पड़ता है और ये गरीबी में घिर जाते हैं। अलीबाबा के ताओबाओ गाँव के मॉडल ने ऐसे अशिक्षित और अकुशल लोगों के लिए टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके ज़िन्दगी के नए रास्ते खोल दिए हैं।
अलीबाबा अकुशल लोगों को ऐसे देता है रोजगार :
अलीबाबा जोकि चीन का एक ई-कॉमर्स व्यवसाय का एक बड़ा खिलाड़ी है वह लोगों को उनके काम के दौरान विभिन्न कौशल सीखने में मदद करता है जिससे बिना औपचारिक शिक्षा के भी उनको रोज़गार मिल सके। यह विवरण एक रिपोर्ट में दिया गया है जोकि वर्ल्ड इकनोमिक फोरम 2019, दावोस में लुओहान अकादमी द्वारा प्रस्तुत की गयी थी।
रिपोर्ट का सार :
दावोस में आयोजित वर्ल्ड इकनोमिक फोरम 2019 में लुओहान द्वारा प्रस्तुत इस रिपोर्ट में कहा गया था की डिजिटल तकनीक उपभोक्ताओं के लिए व्यवसाय शुरू करना, उपभोक्ताओं तक पहुंचना और वित्तपोषण तक पहुंच को आसान बना रही है। डिजिटल प्रौद्योगिकी के व्यापक रूप से अपनाने और आवेदन करना अब आय और आर्थिक विकास के स्तर पर निर्भर नहीं है। अब कोई भी व्यक्ति गरीब या अमीर नयी तकनीक को अपना सकता है।
क्या है अलीबाबा का तओबाओ विलेज मॉडल :
अलीबाबा के तओबाओ विलेज मॉडल का मुख्य लक्ष्य डिजिटल तकनीक से ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभान्वित करना है। इस मॉडल में बताया गया है की कैसे चीन के एक ग्रामीण इलाके में अकुशल नागरिकों को काम के साथ साथ विभिन्न तकनीकी कौशल सिखाये गए जिससे वे दुसरे क्षेत्र के लोगों से ज्यादा आय कमाने लगे।
भारत को लेनी चाहिए इस मॉडल से सीख :
रिपोर्ट में यह भी बताया गया था की बाज़ार में बेहतर पहुँच और अवसरों का लाभ कम विकसित देशों में अधिक होता है। रिपोर्ट के अनुसार बताया गया था की किस तरह भारत जैसे विकासशील देशों में चीन से सबक लेकर ऐसे मॉडल शुरू किये जा सकते हैं।