आम आदमी पार्टी से चांदनी चौक की विधायक अलका लाम्बा ने सोमवार को पार्टी प्रमुखों पर आरोप लगाया है कि वे उन्हें कमजोर कर रहें हैं साथ ही उन पर कांग्रेस में शामिल होने का प्रयास किए जाने के झूठे आरोप लगा रही है।
आम आदमी पार्टी (आप) ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के भारत रत्न को रद्द करने की मांग की थी। लाम्बा इस प्रस्ताव का विरोध कर रही थी। दिसंबर में उन्होंने दावा किया कि उसी विरोध के कारण उन्हें पार्टी में दरकिनार कर दिया गया था। उन्हें इस्तीफा भी देने को कहा गया था। हालांकि, आप ने लाम्बा के इस दावे को खारिज कर दिया था।
लाम्बा ने यह भी आरोप लगाया था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल 20 फरवरी को उनके निर्वाचन क्षेत्र में जामा मस्जिद के पास एक सार्वजनिक बैठक करने वाले हैं लेकिन उन्हें इसकी जानकारी नहीं दी गई है। साथ ही उन्होंने दावा किया कि आप 2020 में होने वाले विधानसभा चुनाव में चांदनी चौक से पार्टी के एक पुराने चेहरे को खड़ा करना चाह रही है। उन्होंने कहा, “मुझे कमजोर करने से पार्टी को क्या फायदा होगा।”
लांबा ने कहा कि उन पर कांग्रेस में शामिल होने का आरोप लगाया जा रहा था। लेकिन, आज “कोई और” खुद उस पार्टी के साथ गठबंधन के लिए “किसी भी स्तर पर जाने” के लिए तैयार है। उन्होंने यह बात आप और कांग्रेस के बीच संभावित गठबंधन का संकेत पर कही। हालांकि, केजरीवाल ने पिछले हफ्ते साफ कहा था कि लोकसभा चुनावों के लिए आप और कांग्रेस के बीच के किसी भी तरह का समझौता नहीं हो सकता है।
जबकि केजरीवाल ने पुद्दुचेरी के सीएम के नारायणसामी के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की थी। जो हाल में लेफ्टिनेंट गवर्नर किरण बेदी के खिलाफ बीते सोमवार से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, और पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग में दोनों साथ शामिल हुए थे। पुद्दुचेरी के कांग्रेस सीएम के साथ उनकी मुलाकात को लोकसभा चुनावों से पहले गठबंधन के लिए उनकी भावना के रूप में देखा गया। फिलहाल आप की ओर से कोई बयान नहीं आया है।