दिल्ली की विधायक अलका लांबा ने गुरूवार को आम आदमी पार्टी के साथ खटास के चलते लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए प्रचार नही करने की घोषणा की। उन्होंने आप नेताओं पर आरोप लगाया कि पार्टी के नेताओं से कई बार आग्रह के बावजूद उन्होंने मुलाकात नही की और उन्हें कहा गया कि वह पार्टी के आधिकारिक कार्यक्रमों से दूर रहे।
लांबा ने कहा, “पिछले चार महीनों से, मैं पार्टी के नेताओं से मुलाकत करने की कोशिश कर रही हूं, लेकिन किसी ने मुझे कोई प्रतिक्रिया नही दी, इसलिए मैंने निश्चिय किया हैं कि में पार्टी के लिए अब प्रचार नही करूंगी।”
हालांकि, उन्होंने कहा कि वह अपने निर्वाचन क्षेत्र के लिए कार्य करना जारी रखेंगी, ” मैंने निश्चित किया हैं कि मेरे और पार्टी के बीच कुछ भी चल रहा हो, मैं इसका प्रभाव जनता पर नही पड़ने दूंगी।”
दिल्ली के चांदनी चौक से विधायक ने अपने पार्टी सहयोगी और आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज पर आरोप लगाया कि वह पार्टी और उनके बीच दरार ड़ालने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, “सौरभ भारद्वाज बार बार आरोप लगा रहे हैं कि मैं कांग्रेस में शामिल हो गई हूं, वह पार्टी और मीडिया में झूठ अफवाह फैला रहे हैं कि में लोकसभा चुनाव कांग्रेस की सीट पर लड़ रही हूं।
दोनों विधायकों ने इस महीने की शुरूआत में ट्विटर स्पाट में हिस्सा लिया था कि सौरभ भारद्वाज लांबा पार्टी के सहारे उन पर हमला कर रहे हैं।
उन्होंने पंजाब के आप विधायक नज़र सिंह मनशाहिया के कांग्रेस में शामिल होने के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ तस्वीर खिचवाने के बाद ट्विटर पर पार्टी पर हमला किया।
लांबा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उनके स्वयंसेवकों से पार्टी के लोकसभा चुनाव प्रचार में शामिल होने की अपील पर आलोचना की, जो की आप के राष्ट्रीय संरक्षक भी हैं। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवकों से की गई अपील पार्टी को और कमजोर बनाती दिखाई दे रही हैं।
विधायक ने कहा, “यह अपील दिल्ली के आप इकाई की कमजोरी को दर्शाती हैं। उन्होंने ऐसा क्यों किया। उन्होंने कहा कि, ” मुझे पिछले चार महीनों से पार्टी की विधायक बैठक में नही बुलाया गया और मेरे पास इस मुद्दे आंतरिक रूप से उठाने का और कोई विकल्प नही था।
आप पार्टी और लांबा के बीच तल्ख़ियां दिसंबर से चली आ रही हैं जब उन्होंने राज्य विधानसभा के प्रस्ताव पर आप छोड़ने के लिए कहा था। लांबा ने बार बार कहा कि उनके पार्टी सहयोगी उनसे नाराज़ हैं।
लांबा ने अपना राजनीति करियर कांग्रेस के स्टूडेंट विंग के साथ शुरू किया था और वह पार्टी की सदस्य 2014 तक रही, जब तक वह आप में शामिल नही हुई।
हाल ही के महीनों में, उन्होंने ने कांग्रेस में शामिल होने के खुले संकेत दिए थे। इस महीने के पहले, उन्होंने घोषणा की कि भाजपा के चांदनी चौक के उम्मीदवार के खिलाफ कांग्रेस का समर्थन करने से पीछे नही हटेंगी जब तक लोग चाहते हैं।
मार्च में उन से पूछा गया क्या अगर उन्हें महागठबंधन में शामिल होने का मौका मिलता हैं तो क्या वह शामिल होंगी, उन्होंने जवाब दिया: ” कांग्रेस ने यह निश्चित कर लिया हैं, एक बिन बुलाए मेहमान का कही स्वागत नही होता..यह मेरे लिए गर्व की बात होगी क्योकि मैंने कांग्रेस को 20 साल दिए हैं।