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    अलकायदा का सरगना अयमन अल ज़वहिरीA photo of Al Qaeda's new leader, Egyptian Ayman al-Zawahiri, is seen in this still image taken from a video released on September 12, 2011. Al Qaeda has released a message in which Osama bin Laden's successor as the group's leader, al-Zawahiri said al Qaeda supported the Arab Spring. The hour-long video was released to mark the 10th anniversary of al Qaeda's Sept. 11, 2001 attacks on the United States. The SITE Monitoring Service, which tracks jihadist statements, quoted al-Zawahiri as saying he hoped the protest movements that have overthrown leaders in Egypt, Tunisia and Libya would establish what he called true Islam. REUTERS/SITE Monitoring Service via Reuters TV (CIVIL UNREST TPX IMAGES OF THE DAY) FOR EDITORIAL USE ONLY. NOT FOR SALE FOR MARKETING OR ADVERTISING CAMPAIGNS

    पाकिस्तानी समर्थित आतंकवादी समूह अल कायदा के सरगना यमन अयमन अल ज़वाहिरी ने कश्मीर में मुजाहिद्दीन द्वारा भारतीय सेना और जम्मू कश्मीर की सरकार पर हमले को दंड करार दिया है। साथ ही उन्होंने पाकिस्तान द्वारा कश्मीर में सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने का भी खुलासा किया है। इस सन्देश को “कश्मीर को मत भूलना” के शीर्षक के साथ अल शबाब ने जारी किया है।

    जर्नल के आर्टिकल में थॉमस जोस्सलिन ने लिखा कि “अलकायदा एक समूह को कश्मीर में भारतीय सेनाओं के खिलाफ जिहाद करने के लिए तैयार कर रहा है।”

    ज़वाहिरी ने कहा कि “मेरे विचार से कश्मीर में मुजाहिद्दीन का एकाग्र ध्यान भारतीय सेना और सरकार पर फियादीन हमलो को अंजाम देना होगा। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था का रक्तपात होगा और भारत उपकरणों और सैनिको की भारी कमी से जूझेगा।”

    ज़वाहिरी ने मारे गए आतंकवादी जाकिर मूसा के बाबत कोई जानकारी नहीं दी थी। मृत अन्सर घज्वत उल हिन्द के संस्थापक की तस्वीर को कश्मीर के बाबत बातचीत के दौरान स्क्रीन पर चस्पा कर रखा था।

    जोस्सलिन ने बताया कि “ज़वाहिरी और अलकायदा के कश्मीरी सेल संदेशों के जरिये समन्वय कर रहे हैं क्योकि दोनों आतंकी संगठनो के प्रमुखों के संदेशों में काफी समानता है और एक स्पीच मूसा के उत्तराधिकारी अब्दुल हमीद लेल्हारी ने दी है।”

    मूसा और लेल्हिरी में कश्मीर में जिहादियों के प्रशिक्षण में पाकिस्तान की भूमिका को कबूल किया था। उन्होंने सावधान किया कि “पाकिस्तान विश्वासपात्र नहीं है।” ज़वाहिरी ने कहा कि पाकिस्तानी सेना और सरकार दोनों अमेरिका के चापलूस हैं। उसने दावा किया कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से रूस के निर्वासन के बाद अरब मुजाहिद्दीन को कश्मीर का नेतृत्व करने से रोका।

    जोस्सलिन ने कहा कि “अमेरिका ने पाकिस्तानी सेना के ख़ुफ़िया विभाग की अफगानिस्तान में अलकायदा के खेमे में मौजूदगी के पूर्व अनुभव से सीखा हैं, जिसका प्रतिकार साल 1998 में अमेरिकी दूतावास में बमबारी से लिया गया था। पाकिस्तानी उन शिविरों में कश्मीरी जिहादियों को प्रशिक्षण देते हैं।”

    लेखक ने 9/11 आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान की दोहरी चाल को भी उजागर किया है। साल 2001 में पाकिस्तान ने अलकायदा के खिलाफ आतंक रोधी अभियान को अंजाम दिया था जबकि तालिबान के आला नेतृत्व को पनाह दे रखी थी। इसमें अलकायदा के हक्कानी नेटवर्क के सदस्य भी थे।

    उन्होंने कहा कि “पूरी की पूरी पाकिस्तानी सेना और सरकार विशिष्ट राजनीतिक उद्देश्यों के लिए मुजाहिद्दीन का शोषण करने में दिलचस्प हैं, ताकि बाद में या उनकी हत्या कर दी जाये या लात मार दी जाये। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान की भूमिका उन्हें नकारात्मक रौशनी में रखती है।”

    आतंकी संघठन के प्रमुख ने कहा कि “भारत के साथ पाकिस्तान का संघर्ष सीमा पार सहिष्णु दुश्मनी है, जिसे अमेरिकी  ख़ुफ़िया संभालती है। कश्मीर में लड़ाई कोई अलग संघर्ष नहीं है बल्कि समस्त विश्व में मुस्लिम समुदाय के जिहाद का भाग है। उसने कहा कि एक अज्ञात बुद्धिजीवी ने इस बिन्दु क फैलाया है।”

    सन्देश में उसने कहा कि “उसके आतंकी मस्जिद, बाजार और मुस्लिमों के एकत्रित होने वाले इलाकों को कश्मीर में निशाना नहीं बनाते हैं। अलकायदा ने ऐसे कई हमलो को अंजाम दिया है जिसमे मासूम मुस्लिम नागरिकों की मौते हुई है। आतंकी संगठन के प्रमुख ने कहा कि शरिया निर्देशों की गैर मौजूदगी ने मुजाहिद्दीन को हत्यारों में तब्दील कर दिया है।”

    उसने कहा कि “समानित बुद्धिजीवियों उम्माह का उपदेश देना आपका धर्म है कि अफगानिस्तान में अमेरिका के खिलाफ जिहाद आज एक व्यक्तिगत कार्य है, जैसे तीन वर्षों पूर्व रूस के खिलाफ जिहाद था।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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