अर्जेन्टीना के राष्ट्रपति मौरिको मक्रि की यह पहली आधिकारिक भारत यात्रा है, जिसमे वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करेंगे।
आल इंडिया रेडियो के मुतबिक भारत में अर्जेंटीना के राजदूत मे कहा कि दोनो राष्ट्रों के मध्य तीन महत्वपूर्ण क्षेत्रों ऊर्जा, कृषि और खनन में द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूती प्रदान करेंगे।
डेनियल चाबरू ने कहा कि “हम रिश्ते की गुणवत्ता को बढ़ाना चाहते हैं। हमारी जरूरत बेहतर गुणवत्ता और अधिक रणनीतिक साझेदारी है। दोनो देशों के विभिन्न क्षेत्रों मे साझा हित है, जिसे हम बढ़ाना चाहते हैं। हम रणनीतिक साझेदारी चाहते हैं।”
उन्होंने कहा कि “70 सालों की मज़बूत राजनीतिक साझेदारी के बाद हम आर्थिक और तकनीकी रिश्तों में सुधार चाहते हैं। एर्जेंटीना के राष्ट्रपति सोमवार को अधिकारिक स्तर पर मुलाकात करेंगे।” वह नरेन्द्र मोदी और रामनाथ कोविंद से बातचीत करेंगे। इस सप्ताह दोनो राष्ट्र संयुक्त परमाणु समूह द्वारा आयोजित वार्ता में भाग लेंगे।
उन्होंने कहा कि परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण इस्तेमाल पर हम भारत के साथ भागीदारी करना चाहते हैं। चीन के अटकले लगाने से पूर्व एर्जेंटीना ने भारत को परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में प्रवेश दिलाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। राजदूत ने कहा कि एर्जेंटीना भारत के साथ नैनो सैटेलाइट और अंतरीक्ष तकनीक पर भी साझेदार बनना चाहता है।
राजदूत ने कहा कि भारत और एर्जेंटीना के बीच ऊर्जा सहयोग नए क्षेत्र में सहयोग है। इसमें जैव ईंधन और अक्षय ऊर्जा भी शमिल है। नवंबर 2018 में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और एर्जेन्टीना के राष्ट्रपति मौरिको मक्रि के मध्य मुलाकात हुई थी। नतीजतन भारत का एक दस्ता एर्जेंटीना में कॉपर और लिथियम का खनन कर रहा है, यह दोनों ही भारत के भविष्य के लिए जरूरी है।
सोलर पॉवर प्रोजोक्ट में लिथियम बेहद महत्वपूर्ण है और कॉपर भारत के इलैक्ट्रीफिकेशन प्रोजोक्ट के लिए जरुरी है।एर्जेंटीना के राजदूत ने कहा कि हम उत्पादन में सुधार के लिए आधुनिक तकनीक भारत के साथ साझा करने के इच्छुक है। साथ ही कृषि के लिए जमीन भी मुहैया करेंगे, जो बिल्कुल मुप्त होगी।