एक वक्त था जब तमाम राजनैतिक दल बहस के लिए संसद को माध्यम मानते थे परन्तु आज के दौर में नेता संसद कम सोशल मीडिया को वाद विवाद का सर्वश्रेष्ठ माध्यम मानते हैं।
आए दिन कोई ना कोई नेता अपनी आपत्तिजनक टिप्पणियों लेकर सुर्खियों में बना रहता हैं। भाजपा कि तरफ से जयंत सिन्हा हो या कांग्रेस कि तरफ से शशि थरूर हर नेता अपने ब्यान सोशल मीडिया के द्वारा व्यक्त करना पसंद करता है एवं बहस भी। इसी के बाद शुरू हो जाती हैं सोशल मीडिया पर जंग। हाल ही में ऐसी एक जंग राहुल गांधी एवं जयंत सिन्हा के बीच में भी चल रही है।
ऐसी ही एक जंग इन दिनों छिड़ रखी है भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली और कांग्रेस बीच में। बात शुरू अरुण जेटली के एक फेसबुक पोस्ट से शुरू होती हैं। जिसमें जेटली कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहते है कि “कांग्रेस ने ग़रीबों एवं ग्रामीणों को लेकर सिर्फ नारे दिए है, संसाधन नहीं”।
1971 में इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस द्वारा चुनाव में “गरीबी हटाओ” नारा दिया गया था। इसी नारे के उपलक्ष में अरुण जेटली ने कांग्रेस पर तंज़ कसा था।
इसके जवाब में कांग्रेस कि तरफ से उनके प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने टवीट कर जेटली कि चुटकी ली. अपने टवीट का शीर्षक उन्होंने “जुम्लानोमिक्स ने दोबारा प्रहार किया” दिया।
Double whammy of ‘Jumlanomics’ strikes again!
In its last lap,Modi Govt is making sure that all indices of Economy remain vulnerable!
Industrial Growth plunges to a 7 month low! ⬇️
Retail Inflation soars to a 5 month high ⬆️
Will FM’s(?)- ‘Asleep at the Wheel’ answer? pic.twitter.com/jgxPgF4A8k
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) July 13, 2018
भाजपा पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि जेटली कांग्रेस के नारे छोड़ कर देश के वित्त मंत्री के बारे में बताए। बता दे कि मोदी सरकार में वित्त मंत्रालय को लेकर शुरू से ही माथा पच्ची चल रही है।
शुरुआत में उसने वित्त मंत्रालय अरुण जेटली को सौंपा था परन्तु बाद में ज़्यादा भार होने कि वजह से पियूष गोयल को अस्थायी तौर पर वित्त मंत्रालय सौंपा था।
इसी को लेकर कांग्रेस ने कई बार मोदी सरकार कि चुटकी ली हैं। अब देखना यह दिलचस्प होगा कि अरुण जेटली किस तरह सरकार का बचाव करते हुए जवाब देंगे।