देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को पूर्व आरबीआई गवर्नर को फटकार लगाते हुए यह कहा कि किसी चीज़ का पोस्टमॉर्टेम करना सही समय पर कार्यवाही कर लेने से आसान होता है।
अरुण जेटली का ये बयान तब आया है जब रघुराम राजन ने कहा था कि देश में एमएसएमई के तहत दिया जा रहा लोन देश को मंदी की ओर ले जाएगा।
2008 की मंदी से पहले रघुराम राजन आईएमएफ़ में मुख्य अर्थशास्त्री थे। कहा जाता है कि 2008 की मंदी से ठीक पहले उन्होने सभी को आगाह भी किया था।
मालूम हो कि इस वक़्त भारत में सरकार छोटे व माध्यम स्तर के उद्योग को बढ़ावा दे रही है। एमएसएमई के तहत दिया जाने वाला लोन इसी योजना के अंतर्गत आता है।
रघुराम राजन ने एक कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए ये बात कही थी कि जिस तरह से भारत में छोटे उद्योगों को पैसा दिया जा रहा है यह देश में एक नयी आर्थिक समस्या को खड़ा कर देगा।
सरकार की मुद्रा योजना के तहत एमएसएमई व् किसान क्रेडिट कार्ड जैसी तमाम सारी योजनाओं के जरिये छोटे उद्यमियों व किसानों को पैसा दिया जा रहा है। इस तरह की नीतियां शुरू से ही सरकार के अजेंडे में रही हैं।
इसी के साथ राजन ने एक बड़ी बात का जीकर करते हुए ये भी कहा कि हाल ही में घटे बैंकिंग फ्रॉड के बारे में उन्होंने 2016 में ही पीएमओ को सूचित कर दिया था।