शनिवार को GST के दरों में बड़ा सुव्यवस्थिकरण लाने के बाद अरुण जेटली ने अब इस कर व्यवस्था के भविष्य के बारे में बताया है। उनके अनुसार GST के सभी स्लैब को हटाकर केवल एक स्लैब रखा जा सकता है लेकिन ऐसा करने में कुछ समय लगेगा।
कैसे होगा एकाकीकरण ?
माल एवं सेवा कर की पांच दरें लागू थी जिसे वर्तमान में 28 फीसदी वाली दर में केवल 5 उत्पाद रह गए थे। अरुण जेटली के अनुसार भविष्य में करों का एक ही स्लैब होगा। जैसा की हम जानते हैं आमतौर पर प्रयोग की जाने वाली वस्तुओं के दो स्लैब क्रमश 12% एवं 18% हैं। भविष्य में यदि एकाकीकरण हुआ तो इन दोनों स्लैब को आपस में जोड़कर किया जाएगा। इससे एक स्लैब बन जाएगा।
हालांकि इसका यह मतलब नहीं है की हर एक वस्तु पर समान जीएसटी की दर होगी। कुछ अनावश्यक उत्पादों पर शून्य से पांच प्रतिशत की दर होगी लेकिन विलासिता की वस्तुओं में जीएसटी का दर बड़ा होगा।
जेटली की फेसबुक पोस्ट:
जेटली ने हाल फेसबुक पर भी पोस्ट किया था जिसमे उन्होंने कहा था की 12 एवं 18 प्रतिशत की दो दर की जगह पर एक एकल दर करना भविष्य का रोडमैप की तरह काम कर सकता है। यह इन दोनों दरों के बीच का कोई दर हो सकता है। यह ज़ाहिर है की जब कर बहुत बढ़ जाएगा तो इसमें वक्त लगेगा लेकिन अंततः इस देश में अनावश्यक वस्तुओं के ० से 5 प्रतिशत दर एवं विलासिता के कर के दर को छोड़कर केवल एक ही कर का दर होगा।
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का बयान :
इस साल अगस्त में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी इस सन्दर्भ में बयान दिया था की यदि मासिक कर संग्रह 1 लाख करोड़ पहुंच जाता एवं वहां स्थिर हो जाता है तो जीएसटी परिषद् 12 एवं 18 प्रतिशत की दो दरों को हटाकर 14 या 15 प्रतिशत का एक दर बनाने की पर विचार करेगा।