भारत ने अरुणाचल प्रदेश की साल 2017 की राम नाथ कोविंद की यात्रा पर आपत्ति जताने पर विरोध व्यक्त किया था। भारत में मुताबिक, उत्तरी पूर्वी राज्य भारत का एक आंतरिक और अपरिहार्य भाग है। भारत के विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरण ने लोकसभा में लिखित जवाब में बताया कि “केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति की अरुणाचल प्रदेश की यात्रा पर चीन के बयान को खारिज किया है और स्पष्ट किया है कि भारतीय नेता अरुणाचल प्रदेश की यात्रा जब इच्छा हो तब कर सकते हैं।जैसे वह देश के अन्य भागो में करते हैं।”
जवाब में उन्होंने कहा कि “भारत की सरकार ने इन बयानों को खारिज किया है और चीनी पक्ष को इस बारे में बताया है कि अरुणाचल प्रदेश का राज्य भारत का आंतरिक और अपरिहार्य भाग है और भारतीय नेता अपनी इच्छा के मुताबिक अरुणाचल प्रदेश की यात्रा कर सकते हैं, जैसे वह देश के अन्य भागो में यात्रा करते हैं।”
राष्ट्रपति कोविंद ने 19 नवंबर 2017 को अरुणाचल प्रदेश की यात्रा की थी और सांसदों को विशेष सत्र पर राज्य की संसद में सम्बोधित किया था। भारत और चीन के बीच 3488 किलोमीटर की सीमा है। दशकों से दोनों देशों के बीच विवाद कायम हैं।
बीजिंग अरुणाचल प्रदेश को तिब्बत का दक्षिणी भाग मानता है जबकि भारत अक्साई चीन पर अपना दावा करता है।