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    AN-32

    गुवाहाटी, 4 जून (आईएएनएस)| भारतीय वायु सेना के एएन-32 विमान जो अरुणाचल प्रदेश में चीन सीमा के निकट एक दिन पहले लापता हो गया, व्यापक तलाशी अभियान के बावजूद मंगलवार को उसका सुराग नहीं लगाया जा सका। एएन-32 में 13 लोग सवार थे।

    अधिकारियों ने लापता विमान का सुराग लगाने के लिए नौसेना के पी-8आई विमान की तौनाती की है। लापता विमान ने असम के जोरहाट से सोमवार दोपहर को उड़ान भरी थी और यह अरुणाचल प्रदेश के मेचुका जा रहा था, लेकिन 35 मिनट बाद इसका जमीनी एजेंसियों से संपर्क टूट गया।

    रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता व विंग कमांडर रत्नाकर सिंह ने कहा कि सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस व कई सरकारी व नागरिक एजेंसियों द्वारा तलाशी की जा रही है।

    हालांकि, उन्होंने कहा कि विमान या उसके मलबे का कोई संकेत नहीं है।

    रत्नाकर सिंह ने कहा कि मंगलवार को नौसेना के लंबी दूरी के समुद्री टोही विमान पी-8आई ने तमिलनाडु के आईएनएस राजली से खोज और बचाव अभियान में शामिल होने के लिए उड़ान भरा।

    नौसेना के अधिकारियों ने कहा कि पी-8आई समुद्री टोही, पनडुब्बी रोधी अभियानों और इलेक्ट्रॉनिक खुफिया अभियानों के लिए सेंसर से लैस है।

    नौसेना के एक प्रवक्ता ने ट्वीट किया, “पी-8आई विमान में बहुत शक्तिशाली सिंथेटिक एपर्चर रडार है, जिसका इस्तेमाल लापता विमान का पता लगाने के लिए एसएआर स्वीप के दौरान किया जाएगा।”

    लापता विमान की खोजबीन के लिए सोमवार को भारतीय वायु सेना के सी-130, एएन-32 विमान, भारतीय वायुसेना के दो एमआई-17 और भारतीय सेना के एएलएच हेलीकॉप्टरों को लगाया गया।

    भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) भी उपग्रहों की मदद से बचावकर्ताओं को सहयोग कर रहा है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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